क्या पुराणों में वर्णित है 'गुप्त काशी', जहां जौ भर भूमि की कमी थी?

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क्या पुराणों में वर्णित है 'गुप्त काशी', जहां जौ भर भूमि की कमी थी?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि काशी, जिसे भगवान शिव ने बसाया, की पहली पसंद एक स्थान बिहार में था? जानिए इस रोचक कहानी के पीछे की सच्चाई और कैसे काशी आज विश्वनाथ का निवास बन गई।

Key Takeaways

  • काशी का निर्माण भगवान शिव ने किया था।
  • काशी को पाप से मुक्ति और मोक्ष का स्थान माना जाता है।
  • बिहार के कहलगांव में गुप्त काशी स्थित है।
  • काशी की पहली पसंद बिहार का वह स्थान था, जहां जौ भर भूमि की कमी थी।
  • बटेश्वर धाम को तंत्र विद्या का उपयुक्त स्थान माना जाता है।

नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिव के त्रिशूल पर स्थायी दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी। वह नगरी जिसे भगवान शिव ने माता पार्वती के लिए बसाया। यह नगरी शास्त्रों में वर्णित है कि यह आदि काल से थी और युग के अंत के बाद भी रहेगी। इसे शिव और शक्ति ने अपने निवास के लिए चुना। यह नगरी पाप से मुक्ति और मोक्ष प्रदान करती है। यहां लोग जीवन के अंतिम क्षणों में प्राण त्यागने की इच्छा रखते हैं। काशी को ब्रह्मांड का आध्यात्मिक केंद्र भी माना जाता है।

काशी के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि पहले के समय में यहां मानव शरीर में नाड़ियों की संख्या के बराबर यानी 72,000 मंदिर थे। भगवान शिव के त्रिशूल पर स्थित काशी जमीन से लगभग 33 फुट ऊपर है। इस प्रकार, काशी आध्यात्मिक शुद्धि और जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण स्थान मानी गई है।

काशी का निर्माण स्वयं भगवान शिव ने अपने निवास के लिए किया था। मान्यता है कि जब भगवान शिव ने पर्वतराज हिमालय की बेटी पार्वती से विवाह किया, तो वे कैलाश पर निवास करते थे। माता पार्वती इससे असहज थीं, जिससे महादेव ने अपने निवास स्थान की खोज शुरू की। यह कार्य देवर्षि नारद, देव शिल्पी विश्वकर्मा और वास्तु पुरुष को सौंपा गया। महादेव ने इन तीनों के सामने ऐसी जगह खोजने का कार्य दिया जहां गंगा उत्तर वाहिनी हो, कैलाश की तरह वह जमीन त्रिखंड हो और साथ ही जो स्थान पवित्र एवं तपोस्थली हो। ऐसी जगह ही आज काशी है।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि काशी महादेव के निवास के लिए पहली पसंद नहीं थी। इससे पहले बिहार में एक ऐसा क्षेत्र चुना गया था। जहां महादेव की काशी बसाई जानी थी। लेकिन, केवल एक जौ भर भूमि की कमी के कारण काशी के नाथ विश्वनाथ का यह निवास स्थान नहीं बन पाया। यदि उस समय सतयुग में देवर्षि नारद, देव शिल्पी विश्वकर्मा और वास्तु पुरुष को उस जगह पर जौ भर जमीन मिल गई होती, तो काशी के नाथ वहां विराजते।

यह स्थान बिहार में है। यह कहानी बहुत दिलचस्प है। बिहार के भागलपुर जिले में एक छोटा सा शहर कहलगांव है, जहां मां गंगा की तेज धारा के बीच पहाड़ी पर बाबा बटेश्वर नाथ का मंदिर है, जिसे बटेश्वर धाम कहा जाता है। काशी के बसने से पहले देवर्षि नारद, देव शिल्पी विश्वकर्मा और वास्तु पुरुष ने इसी जगह को महादेव के निवास के लिए चुना था। लेकिन, जब इस जमीन की नपाई शुरू हुई, तो यह कैलाश की भूमि से एक जौ के बराबर कम थी।

यह वही बटेश्वर स्थान है, जहां ऋषि वशिष्ठ ने भी घोर तप किया था, जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने उन्हें रघुकुल का कुल गुरु होने का वरदान दिया था। इसी कुल में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने जन्म लिया। यहीं ऋषि वशिष्ठ ने विश्वेश्वर के रूप में महादेव की पूजा और साधना की, जिससे इस जगह को बटेश्वर धाम कहा जाता है।

यह दुनिया का पहला स्थान है, जहां बाबा बटेश्वर के शिवलिंग के सामने माता पार्वती का नहीं बल्कि मां काली का मंदिर है, जो दक्षिण की ओर विराजती हैं। इस कारण उन्हें दक्षिणेश्वरी काली कहा जाता है। यह स्थान देव-शक्ति पीठ के रूप में प्रसिद्ध है। तंत्र विद्या के लिए इसे उपयुक्त माना गया है और इसे गुप्त काशी भी कहा जाता है। यह गंगा और कोसी का संगम है। इस स्थान को पुराणों में गुप्त काशी के रूप में वर्णित किया गया है। यह ऋषि दुर्वासा की तपोस्थली भी रही है।

इस प्रकार, तपोस्थली, कैलाश के बराबर की जमीन और उत्तरवाहिनी गंगा का प्रवाह इन तीनों शर्तों को पूरा करने वाली काशी को महादेव के निवास स्थान के लिए चुना गया। इस तरह बिहार में बसते-बसते काशी उत्तर प्रदेश में जा बसी।

Point of View

बल्कि यह हमें यह भी दिखाती है कि कैसे एक छोटी सी चीज़, जैसे कि भूमि की मात्रा, इतिहास को बदल सकती है। काशी और बटेश्वर धाम की यह रोचक कथा हमें हमारे सांस्कृतिक धरोहर का मूल्य समझाने में मदद करती है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

गुप्त काशी क्या है?
गुप्त काशी एक पवित्र स्थान है जिसे पुराणों में वर्णित किया गया है। इसे तंत्र विद्या का उपयुक्त स्थान माना जाता है।
काशी का महत्व क्या है?
काशी को पाप से मुक्ति और मोक्ष प्रदान करने वाला स्थान माना जाता है। यहां जीवन के अंतिम क्षणों में लोग प्राण त्यागने की इच्छा रखते हैं।
क्या काशी महादेव का निवास स्थान है?
जी हाँ, काशी भगवान शिव का निवास स्थान है, जिसे उन्होंने माता पार्वती के लिए बसाया।
क्या काशी की पहली पसंद एक अन्य स्थान था?
हाँ, काशी की पहली पसंद बिहार में एक स्थान था, लेकिन जौ भर भूमि की कमी के कारण यह स्थान नहीं बन पाया।
बटेश्वर धाम का क्या महत्व है?
बटेश्वर धाम को तपोस्थली माना जाता है, जहां ऋषि वशिष्ठ ने तप किया था। यह स्थान तंत्र विद्या के लिए भी प्रसिद्ध है।