क्या केदारकांठा विंटर फेस्टिवल से सीमांत गांवों को नई पहचान मिलेगी?

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क्या केदारकांठा विंटर फेस्टिवल से सीमांत गांवों को नई पहचान मिलेगी?

सारांश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के सांकरी में केदारकांठा विंटर फेस्टिवल का उद्घाटन किया। इस महोत्सव के जरिए सीमांत गांवों को नई पहचान मिलेगी और पलायन पर ब्रेक लगेगा। यह उत्तराखंड की संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

Key Takeaways

  • केदारकांठा विंटर फेस्टिवल का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया।
  • इस महोत्सव से पलायन की समस्या में कमी आएगी।
  • स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
  • यह महोत्सव संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करेगा।
  • सरकार विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों को भी मजबूत कर रही है।

उत्तरकाशी, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनपद उत्तरकाशी की पर्यटन नगरी सांकरी में आयोजित केदारकांठा पर्यटन–तीर्थाटन शीतकालीन महोत्सव का भव्य शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। मुख्यमंत्री ने विंटर फेस्टिवल का उद्घाटन करते हुए पर्यटक दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और शीतकालीन पर्यटन को आत्मनिर्भर उत्तराखंड की मजबूत नींव बताया।

मोरी विकासखंड के सांकरी क्षेत्र में आयोजित महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सांकरी केवल एक गांव नहीं, बल्कि उत्तराखंड की लोकसंस्कृति का जीवंत संग्रहालय है। उन्होंने पहली बार सांकरी आगमन पर स्थानीय लोगों के स्नेह और उत्साह के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां की पारंपरिक लकड़ी की वास्तुकला, लोकगीत, लोकनृत्य और सरल पहाड़ी जीवनशैली उत्तराखंड की विशिष्ट पहचान को दर्शाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव उत्तराखंड की आस्था, संस्कृति, परंपरा और स्वाभिमान का उत्सव होने के साथ-साथ “विकास भी–विरासत भी” की सोच को साकार करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीतकालीन यात्रा के आह्वान के बाद केदारकांठा, हर्षिल, औली, मुनस्यारी और सांकरी जैसे क्षेत्रों में शीतकालीन पर्यटन को लेकर अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। इससे सीमांत गांवों में पलायन रुक रहा है और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन से लोक कलाकारों, हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजनों और स्थानीय उत्पादों को नया बाजार मिल रहा है। युवा ट्रेकिंग गाइड, होम-स्टे, होटल और पर्यटन से जुड़े कार्यों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। उत्तरकाशी में पार्किंग निर्माण, सड़क परियोजनाएं, पुरोला उप जिला चिकित्सालय और तिलोथ विद्युत गृह जैसी योजनाएं इसका उदाहरण हैं।

मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा टनल हादसे का उल्लेख करते हुए कहा कि १७ दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में ४१ श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालना सरकार की संवेदनशीलता और संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सरकार विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों, कानून व्यवस्था और पारदर्शिता को मजबूत कर रही है। समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून, सख्त भू-कानून और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति से उत्तराखंड अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल हो रहा है।

कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश्वर लाल ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न मांगों का मांग पत्र सौंपा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मांगों का परीक्षण कर यथासंभव घोषणाओं में शामिल किया जाएगा और तटाउ महाविद्यालय सड़क मार्ग को भी घोषणाओं में सम्मिलित किया जाएगा।

विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि हरकीदून, केदारकांठा, भराड़सर, देवक्यारा, चांईशील और सरूताल जैसे विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का मुख्य केंद्र पर्यटन नगरी सांकरी है। विंटर फेस्टिवल का उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां की समृद्ध संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन और पारंपरिक मेहमाननवाजी से रूबरू कराना है, जिससे पर्यटन व्यवसाय को नई गति मिलेगी और सांकरी वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और अधिक सशक्त पहचान बनाएगा।

Point of View

यह महोत्सव सीमांत गांवों की पहचान को मजबूत करने और पलायन की समस्या को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे, जो कि एक सकारात्मक विकास की दिशा में एक कदम है।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या केदारकांठा विंटर फेस्टिवल से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा?
जी हां, यह महोत्सव स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
क्या इस महोत्सव से पलायन की समस्या का समाधान होगा?
इस महोत्सव के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे पलायन पर ब्रेक लगेगा।
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