क्या केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए?

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क्या केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए?

सारांश

केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। बाबा केदार की डोली उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। इस बार 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चार धामों के दर्शन किए हैं। जानिए इस खास अवसर पर की गई विशेष पूजा-अर्चना के बारे में।

Key Takeaways

  • केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद हुए।
  • Baba Kedar की डोली उखीमठ के लिए रवाना हुई।
  • बद्रीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे।
  • इस वर्ष 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चार धामों के दर्शन किए हैं।
  • भक्तों के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था की गई थी।

केदारनाथ, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह बंद कर दिए गए। इसके साथ ही बाबा केदार की डोली भक्तिमय मंत्रोच्चार और गढ़वाल राइफल्स बैंड की मधुर धुनों के बीच उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हो गई, जो उनके शीतकालीन गद्दीस्थल के रूप में कार्य करेगा।

इसके साथ ही चार धामों में से तीन के कपाट आधिकारिक तौर पर शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। गंगोत्री धाम बुधवार को बंद हो चुका था, जबकि केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट गुरुवार को बंद किए गए हैं।

बद्रीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे, जिससे चार धाम यात्रा 2025 का औपचारिक समापन होगा।

बद्री-केदार मंदिर समिति ने भक्तों के लिए रातभर बाबा केदार के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की थी।

भक्तों को मध्यरात्रि से सुबह 4 बजे तक प्रवेश की अनुमति दी गई थी, जिसके बाद सुबह 5 बजे से 6 बजे तक बाबा केदार की समाधि पूजा की गई। इस अनुष्ठान के दौरान, भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को परंपरा के अनुसार पवित्र भस्म, अनाज, फल, फूल, रुद्राक्ष और एक सफेद कपड़े से ढका गया। आंतरिक गर्भगृह को सुबह 6 बजे बंद कर दिया गया और मुख्य पूर्वी गेट को ठीक सुबह 8:30 बजे बंद किया गया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी समापन समारोह से पहले पवित्र तीर्थस्थल में जाकर पूजा-अर्चना की।

कार्यक्रम के अनुसार, बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति को लेकर उनकी डोली 24 अक्टूबर को गुप्तकाशी पहुंचने से पहले रात्रि विश्राम के लिए रामपुर में रुकेगी।

इसके बाद अगले दिन 25 अक्टूबर को डोली उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी, जो भगवान का शीतकालीन गद्दी स्थल है, जहां अगले छह महीनों तक पूजा-अर्चना की जाएगी, जब तक कि अगले वर्ष कपाट फिर से नहीं खुल जाते।

इस दौरान पूरी केदारघाटी हर हर महादेव और जय बाबा केदार के जयघोष से गूंज उठी। कपाट बंद होने के मौके पर केदारनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया है।

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने तक चार धाम यात्रा बड़े उत्साह के साथ जारी है। इस वर्ष 30 अप्रैल से अब तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालु चार धामों के दर्शन कर चुके हैं।

Point of View

बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करती है। चार धाम यात्रा के समापन के साथ, श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था और विश्वास की भावना और भी मजबूत होती है।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

केदारनाथ धाम के कपाट कब बंद हुए?
केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद हुए।
बाबा केदार की डोली कहाँ गई?
बाबा केदार की डोली उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई।
चार धाम यात्रा का समापन कब होगा?
चार धाम यात्रा का समापन 25 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ होगा।
इस वर्ष चार धामों में कितने श्रद्धालुओं ने दर्शन किए?
इस वर्ष 30 अप्रैल से अब तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चार धामों के दर्शन किए हैं।
बाबा केदार की पूजा कब की गई?
बाबा केदार की पूजा सुबह 5 बजे से 6 बजे के बीच की गई।