क्या केंद्रीय मंत्री निमुबेन बंभानिया ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया?

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब में 2025 की बाढ़ ने 23 जिलों को प्रभावित किया।
- 30 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई।
- केंद्रीय मंत्री ने राहत कार्यों का निरीक्षण किया।
- पीड़ितों को समय पर मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया।
- केंद्र सरकार जरूरतमंदों की सहायता कर रही है।
लुधियाना, ११ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में अगस्त २०२५ की भीषण बाढ़ ने २३ जिलों को प्रभावित किया, जिसमें ३० से अधिक जानें गईं, ३.५ लाख लोग विस्थापित हुए और १४८,००० हेक्टेयर फसलें नष्ट हो गईं। इस संकट के बीच केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निर्मलाबेन जयंतीभाई बंभानिया ने शनिवार को जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
लुधियाना जिला भी इस विपत्ति से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ, जहां सतलुज नदी के उफान और तेज बारिश ने ससराली, बूथगढ़, मंगलि तंदा, मट्टेवाड़ा जैसे गांवों को जलमग्न कर दिया। दो दिवसीय आधिकारिक दौरे के पहले दिन मंत्री ने तलवंडी कलां, बोंकर डोगरा, गोरसियां हकमारा, लोपोन और गिल गांवों का दौरा किया। बाढ़ से तबाह हुए इन क्षेत्रों में उन्होंने राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने आश्वासन दिया, "मोदी सरकार पंजाब के हर प्रभावित परिवार के साथ हर कदम पर खड़ी है।"
उन्होंने क्षति आकलन के लिए जिला प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा, "घरों, खेतों और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें। समय पर मुआवजा वितरित करें, ताकि कोई परिवार उपेक्षित न रहे।" प्रभावित परिवारों, किसानों, महिलाओं और कमजोर वर्गों से मुलाकात में उन्होंने उनकी समस्याएं सुनीं और निरंतर सहायता का आश्वासन दिया।
दौरे की शुरुआत आलमगीर से हुई, जहां उन्होंने गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब में मत्था टेका और पंजाबवासियों के कल्याण के लिए आशीर्वाद लिया। जिला अधिकारियों, पंचायत सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठक में उन्होंने पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की।
जरूरतमंद परिवारों को राशन किट वितरित करते हुए मंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार तेजी से सहायता पहुंचा रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र हर कदम पर आपके साथ है। पुनर्वास और पुनर्निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।" लोपोन में दरबार संप्रदाय के समुदाय से भी उन्होंने मुलाकात की। उन्होंने याद दिलाया कि पीएम मोदी ने ९ सितंबर को पंजाब का हवाई सर्वेक्षण किया और १,६०० करोड़ रुपए की तत्काल सहायता जारी की।