क्या केंद्र सरकार लक्षद्वीप में टूना और समुद्री शैवाल का निर्यात बढ़ाने के लिए इन्वेस्टर मीट आयोजित करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- लक्षद्वीप में निवेशक बैठक का आयोजन
- टूना मछली और समुद्री शैवाल के निर्यात को बढ़ावा
- स्थानीय मछुआरों के लिए नए अवसर
- पर्यावरणीय टिकाऊ निर्यात की दिशा में कदम
- भारत की आर्थिक विकास में योगदान
नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मत्स्यपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने बताया कि सरकार टूना मछली, समुद्री शैवाल की खेती और सजावटी मछलियों में निवेश एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नवंबर में लक्षद्वीप में एक निवेशक और निर्यातक बैठक का आयोजन करेगी।
कोच्चि में एक बैठक में केंद्रीय मंत्री ने टूना मछली की संपूर्ण वैल्यू चेन के विकास और समुद्री शैवाल एवं सजावटी मछलियों में उद्यमिता कार्यक्रमों को महत्वपूर्ण बताया। इस बैठक का उद्देश्य द्वीप समूह में मत्स्य पालन क्षेत्र को मजबूत करना है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ निर्यात को सुनिश्चित करने के लिए प्रमाणन और ट्रेसेबिलिटी प्रणालियों की स्थापना का उल्लेख किया।
केंद्रीय मंत्री ने लक्षद्वीप के रणनीतिक स्थान पर जोर दिया, जो भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र का लगभग 20 प्रतिशत है और यहाँ गहरे समुद्री संसाधनों तक पहुँच प्रदान करता है, विशेष रूप से उच्च मूल्य वाली टूना मछली।
उन्होंने द्वीप की विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त पर्यावरण-अनुकूल पोल-एंड-लाइन एवं हैंडलाइन टूना मछली पकड़ने की तकनीकों पर भी प्रकाश डाला।
मंत्री ने कहा कि मछली पकड़ने में वृद्धि से लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जो आगे चलकर देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान देगा और प्रधानमंत्री के 2047 के विकसित भारत विजन के अनुरूप होगा।
उन्होंने आगे कहा कि लंबित प्रस्तावों में तेजी लाने के लिए भारत सरकार और लक्षद्वीप प्रशासन के बीच एक संयुक्त कार्य समूह का गठन प्रस्तावित किया गया है।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि आईटी क्षेत्र के बाद मत्स्य पालन भारत का दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है और इसलिए इस पर अधिक नीतिगत ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल और स्वदेशी के लक्ष्यों के साथ जोड़ने की बात कही।
उन्होंने स्थानीय मछुआरों को सशक्त बनाने के लिए आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, कोल्ड चेन प्रणालियों और मूल्यवर्धित प्रसंस्करण में अधिक निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया।
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने व्यापक हितधारक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभागीय योजनाओं के लिए संरचित आउटरीच योजना के साथ-साथ पोत प्रौद्योगिकी और मछली प्रसंस्करण पर प्रशिक्षण और जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया।