क्या सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सपा पर कफ सिरप के लाइसेंस का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- कफ सिरप के लाइसेंस पर विवाद जारी है।
- भाजपा विधायक ने सपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- जांच का आश्वासन दिया गया है।
- राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का असर समाज पर पड़ रहा है।
- उत्तर प्रदेश विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
लखनऊ, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में कफ सिरप को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। भाजपा विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि इसका लाइसेंस सपा के शासन काल में जारी किया गया था। अपराधी बचने वाले नहीं हैं।
भाजपा विधायक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "कफ सिरप के कारण यहां कोई मौत नहीं हुई है। जो कोई भी गलत करेगा, उसे यह सरकार नहीं बख्शेगी। अपराधियों की तस्वीरें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ सामने आ रही हैं। जब बुलडोजर गलत लोगों पर चलता है, तो सपा के नेताओं में बेचैनी बढ़ जाती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि बुलडोजर कानून के तहत ही चल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सपा के नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इसमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, उनमें से किसी ने भी अखिलेश यादव की तस्वीर नहीं दिखाई। क्या उनकी तस्वीर लाना भूल गए? सपा नेता कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह विरोध प्रदर्शन असल में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी का नाम छिपाने के लिए है।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि लोगों का वर्षों पुराना सपना है कि बांके बिहारी मंदिर को भव्य बनाया जाए, और यह सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। उत्तर प्रदेश आज विकसित प्रदेश बन गया है।
कफ सिरप पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, "इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच चल रही है और सरकारी स्तर पर निगरानी भी जारी है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।"
उन्होंने कहा कि अभी जांच में किसी का नाम नहीं आया है, लेकिन हमारी सरकार सभी को समान सजा दिलाने का कार्य करेगी। भाजपा के राज में अपराधी बचने वाला नहीं है।