क्या केरल और अंडमान-निकोबार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में मतदाताओं का उत्साह अद्वितीय है?

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क्या केरल और अंडमान-निकोबार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में मतदाताओं का उत्साह अद्वितीय है?

सारांश

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा केरल और अंडमान-निकोबार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का आयोजन किया गया है। इस प्रक्रिया में सभी योग्य मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की गई हैं। जानें, इस अभियान में शामिल होने का क्या महत्व है और किस तरह यह लोकतंत्र को मजबूत करता है।

Key Takeaways

  • विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य अधिकतम मतदाता भागीदारी है।
  • सभी योग्य मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित की जा रही है।
  • राज्य में विभिन्न अधिकारियों द्वारा सक्रियता से काम किया जा रहा है।
  • युवाओं को जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।
  • यह प्रक्रिया हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाती है।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने केरल और अंडमान-निकोबार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) को लागू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करना, किसी भी योग्य मतदाता को सूची से बाहर न रहने देना और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना है।

केरल में 18 दिसंबर तक कुल 2 करोड़ 78 लाख 50 हजार 855 मतदाताओं में से 2 करोड़ 54 लाख 42 हजार 352 मतदाताओं ने अपने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा किए। इस सफलता के पीछे राज्य के 14 जिलों में तैनात 140 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, 140 सहायक अधिकारी, 560 अतिरिक्त अधिकारी और 25,468 बूथ लेवल अधिकारी हैं। इनके साथ 60,061 बूथ एजेंट और स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर मतदाताओं तक फॉर्म पहुंचाए और उन्हें जमा कराया। राजनीतिक दलों ने भी इसमें सक्रिय भागीदारी दी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस अभियान में वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग मतदाता और कमजोर वर्गों की मदद को विशेष प्राथमिकता दी गई। स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एनसीसी, एनएसएस के छात्र और सामाजिक कार्य के विद्यार्थियों ने बूथ अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया। 93 प्रतिशत से अधिक फॉर्म की उच्च स्तर की मैपिंग भी संभव हुई। डिजिटलीकरण के लिए ‘एसआईआर जॉयथॉन’ जैसी पहल की गई और सोशल मीडिया के माध्यम से बेहतरीन कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित किया गया।

युवा मतदाताओं को जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाए गए। जो युवा 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष के हो चुके हैं या होंगे, उन्हें फॉर्म-6 के माध्यम से नामांकन के लिए प्रेरित किया गया।

वहीं, अंडमान और निकोबार में 1 जनवरी 2026 को क्वालिफाइंग डेट मानते हुए एसआईआर आयोजित किया गया। 23 दिसंबर तक कुल 3,10,404 मतदाताओं में से 2,46,390 मतदाताओं ने फॉर्म जमा किए। यह सफलता डीईओ, ईआरओ, एईआरओ और 411 बूथ लेवल अधिकारियों के साथ 189 वॉलंटियर्स और 132 अतिरिक्त कर्मचारियों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। राजनीतिक दलों के 678 बूथ एजेंटों ने भी सक्रिय योगदान दिया।

इस केंद्र शासित प्रदेश में सभी बूथों पर विशेष कैंप लगाए गए, हेल्प डेस्क बनाए गए और दूरदराज के द्वीपों में नौकाओं का इस्तेमाल कर फॉर्म डिजिटाइज़ किए गए। बीएलओ का समय पर सम्मान किया गया और लगातार ट्रेनिंग, डाउट क्लियरिंग सेशन और वीडियो ट्यूटोरियल के माध्यम से क्षमता बढ़ाई गई।

दोनों राज्यों में मृत, पलायन या लापता मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई और वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराई गई। इस तरह के समग्र प्रयासों से एसआईआर अभियान एक सहभागी, पारदर्शी और समावेशी प्रक्रिया के रूप में सफल हुआ।

Point of View

बल्कि यह हमारे लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को मजबूत करने का एक प्रयास है। जब हर एक मतदाता को उनकी पहचान और अधिकार का एहसास होता है, तो वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अधिक सक्रियता से भाग लेते हैं। यह अभियान हमें यह याद दिलाता है कि चुनावी प्रक्रिया में सभी की भागीदारी अनिवार्य है।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करना और किसी भी योग्य मतदाता को सूची से बाहर न रहने देना है।
इस प्रक्रिया में कौन-कौन से अधिकारी शामिल हैं?
इसमें निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, सहायक अधिकारी, अतिरिक्त अधिकारी और बूथ लेवल अधिकारी शामिल हैं।
युवा मतदाताओं को कैसे जोड़ा जा रहा है?
विशेष अभियान चलाकर 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष के हो चुके युवा मतदाताओं को नामांकन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
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