क्या खटीमा में त्रिस्तरीय चुनाव का फाइनल डंका बज गया?

सारांश
Key Takeaways
- खटीमा में 589 प्रत्याशी चुनावी समर में हैं।
- चुनाव चिन्ह आवंटित होने से प्रत्याशियों में उत्साह है।
- पंचायती चुनाव 2025 के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है।
- स्थानीय विकास के लिए प्रत्याशियों ने अपनी प्राथमिकताएं साझा कीं।
खटीमा, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में स्थित खटीमा में त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव के लिए सोमवार को दोपहर के समय प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और वार्ड मेंबर के कुल 192 पदों के लिए 589 प्रत्याशी मैदान में हैं।
खटीमा विकास खंड कार्यालय में चुनाव चिन्ह लेने के लिए प्रत्याशियों की भारी भीड़ उमड़ी, जहां विभिन्न पदों पर ताल ठोक रहे प्रत्याशी चुनाव चिन्ह मिलने के बाद उत्साहित नजर आए। इसके बाद, अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों की जीत की आशा लेकर ब्लॉक परिसर से प्रचार के लिए रवाना हो गए।
सोमवार को दोपहर के समय चुनाव चिन्ह आवंटित होने के साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए चुनावी समर का फाइनल बिगुल बज गया। चुनाव चिन्ह आवंटित होने की सूचना मिलते ही पंचायत चुनाव के प्रत्याशी बड़ी संख्या में खटीमा ब्लॉक कार्यालय पहुंचे। निर्वाचन टीम द्वारा विभिन्न पंचायत चुनाव पदों के लिए नामांकन करने वाले प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह दिए गए। निर्वाचन अधिकारी के मार्गदर्शन में सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए। इस अवसर पर प्रत्याशियों ने गांव के विकास के सपनों को लेकर अपने चुनावी क्षेत्रों में चुनाव चिन्ह मिलने के बाद जीत का भरोसा जताया।
खटीमा विकास खंड के निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यहां ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और वार्ड मेंबर के लिए कुल 192 पदों के मुकाबले 589 प्रत्याशी चुनावी समर में भाग ले रहे हैं। सभी प्रत्याशियों को सोमवार को राज्य चुनाव आयोग के निर्देशानुसार चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए। वहीं, ब्लॉक गेट पर प्रचार सामग्री खरीदकर उत्साही पंचायत चुनाव प्रत्याशी अपने चुनाव क्षेत्रों में प्रचार के लिए निकले।
प्रत्याशी अरविंद कुमार ने बताया कि वह पहले से ही जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार के रूप में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की मांग को देखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया है, क्योंकि ग्राम सभा में कई समस्याएं हैं, इनका विकास करना ही उनकी प्राथमिकता है।