क्या कोडरमा में विवाहिता की संदिग्ध मौत के पीछे दहेज का मामला है?
सारांश
Key Takeaways
- दहेज प्रथा एक गंभीर सामाजिक समस्या है।
- सामाजिक जागरूकता से ही हम ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं।
- पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
- परिवार में संवाद होना अत्यंत आवश्यक है।
- ऐसी घटनाओं के प्रति समाज को सजग रहना चाहिए।
कोडरमा, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के कोडरमा जिला के चंदवारा थाना क्षेत्र के लोहासीकर गांव में प्रीति कुमारी (21 वर्ष) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका के परिवार वालों ने सोमवार को थाने के बाहर प्रदर्शन किया। उनके अनुसार, ससुराल वाले दहेज की मांग पूरी न होने पर प्रीति को जबरन जहर पिलाकर मार डाला।
प्रीति को 7 नवंबर को कोडरमा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसके बाद गंभीर स्थिति में रांची के न्यू कामेश्वरी अस्पताल भेजा गया, जहां 8 नवंबर को उसकी मृत्यु हो गई। मृतका की मां अंबिका देवी ने थाने में आवेदन देकर पति सचिंद्र कुमार यादव, सास मुनिया देवी, जीजा विनोद यादव और अन्य पर हत्या का आरोप लगाया है।
उन्होंने शिकायत में कहा कि शादी के कुछ ही समय बाद ससुराल पक्ष ने दो लाख रुपये की अतिरिक्त दहेज की मांग की थी। मांग पूरी न होने पर प्रीति को प्रताड़ित किया जाता था। अंबिका देवी ने कहा कि 7 नवंबर की सुबह दामाद सचिंद्र ने फोन कर बताया कि उनकी बेटी बीमार है और सदर अस्पताल में भर्ती है, लेकिन जब परिवार वहां पहुंचा तो कोई नहीं मिला। बाद में पता चला कि प्रीति को रांची रेफर किया गया है। जब परिवार अस्पताल पहुंचा, तो बेटी के शरीर पर चोट के निशान और फटे कपड़े देखे।
परिजनों ने आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष ने पहले से साजिश रचकर उसे जबरन जहर पिलाया और घटना के बाद सभी आरोपी फरार हो गए। गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने थाने में जाकर तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। थाना प्रभारी ने बताया कि मृतका की मां के आवेदन पर मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।