कोहरे में अमृतसर एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए क्या हैं व्यवस्थाएँ? मॉक ड्रिल में तैयारियों का आकलन
सारांश
Key Takeaways
- कम दृश्यता के दौरान एयरपोर्ट की व्यवस्थाओं का आकलन किया गया।
- यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों की जांच की गई।
- आवश्यक सुधार क्षेत्रों की पहचान की गई।
- संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय का महत्व।
- यात्रियों को सही जानकारी पहुंचाने की आवश्यकता।
अमृतसर, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर शनिवार को कोहरे की स्थिति से निपटने के लिए एक विशेष मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य कम दृश्यता (लो विजिबिलिटी) वाले मौसम के पहले एयरपोर्ट की व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन करना और यह देखना था कि किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
मॉक ड्रिल के दौरान एयरपोर्ट के उन सभी महत्वपूर्ण हिस्सों की बारीकी से जांच की गई जहां कोहरे का अधिक प्रभाव पड़ता है। इसमें टर्मिनल के अंदर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, भोजन एवं पेय पदार्थों की उपलब्धता, भीड़ के समय सफाई की स्थिति और यात्रियों की आवाजाही पर विशेष ध्यान दिया गया। जैसे-जैसे टर्मिनल में यात्रियों की संख्या बढ़ती है, उस समय व्यवस्थाएँ कैसे काम करती हैं, इसे भी व्यावहारिक रूप से देखा गया।
इसके अलावा, एयरपोर्ट के बाहरी क्षेत्र में भीड़ की स्थिति की जांच की गई। खासकर आगमन और प्रस्थान रैंप पर ट्रैफिक जाम का आकलन किया गया, क्योंकि उड़ानों में देरी के दौरान वाहनों का दबाव काफी बढ़ जाता है।
इस मॉक ड्रिल में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई), सीआईएसएफ, ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियाँ और फूड एंड बेवरेज (एफएंडबी) कंसेशनेर जैसी सभी संबंधित एजेंसियों ने सक्रिय भागीदारी की। सभी हितधारकों ने मौके पर मौजूद रहकर आपसी तालमेल, प्रतिक्रिया समय और संचार व्यवस्था का मूल्यांकन किया। कई एजेंसियों ने इस बात पर जोर दिया कि यात्रियों तक सही और समय पर जानकारी पहुंचाना और उन्हें जलपान उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक है।
एएआई ने कोहरा शुरू होने से पहले अपनी व्यवस्थाओं का व्यावहारिक और गहन मूल्यांकन किया है। इस अभ्यास से यह स्पष्ट हुआ है कि अब तक किए गए सुधार कितने प्रभावी हैं और किन बिंदुओं पर तत्काल कार्य करने की आवश्यकता है।
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यही रहा कि कम दृश्यता के कारण उड़ानों में व्यवधान होने की स्थिति में भी यात्रियों को सही जानकारी मिले, वे सुरक्षित रहें, उन्हें असुविधा न हो और एयरपोर्ट संचालन सुचारू रूप से चलता रहे।
--आईएएएनएस
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