क्या कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में भाजपा ने जांच के लिए समिति गठित की?

सारांश
Key Takeaways
- कोलकाता लॉ कॉलेज में सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई।
- भाजपा ने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया।
- समिति में प्रमुख नेता शामिल हैं।
- जांच में सुरक्षा गार्ड की भूमिका पर ध्यान दिया जाएगा।
- रिपोर्ट में राज्य सरकार की भूमिका पर भी टिप्पणी की जाएगी।
नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने सम्पूर्ण देश को हिलाकर रख दिया है। इस मामले की कड़ी निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए चार सदस्यीय एक जांच समिति का गठन किया है। यह समिति निकट भविष्य में कोलकाता जाकर पीड़िता, उसके परिवार, कॉलेज प्रशासन और जांच से जुड़े अधिकारियों से मिलकर जानकारी एकत्रित करेगी।
इस विशेष जांच समिति में शामिल हैं: राज्यसभा सांसद एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष मनन मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रमुख कानूनविद मीनाक्षी लेखी, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. सतपाल सिंह और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं लोकसभा सांसद बिप्लब देब। समिति के संयोजक का कार्यभार डॉ. सतपाल सिंह को सौंपा गया है।
जांच समिति के संयोजक सतपाल सिंह ने राष्ट्र प्रेस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि यह घटना केवल एक छात्रा के खिलाफ नहीं बल्कि सम्पूर्ण समाज के लिए एक गंभीर अपराध है। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और यह चाहते हैं कि दोषियों को कठोर सजा मिले। भाजपा ने इसे सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा न मानते हुए एक मानवीय और संवैधानिक दृष्टिकोण से लिया है।
उन्होंने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि ममता दीदी हमें वहां जाने से नहीं रोकेंगी। यदि प्रशासन रोकने का प्रयास करता है, तो यह गंभीर संकेत होगा कि राज्य सरकार इस मामले को दबाना चाहती है। हम लॉ कॉलेज प्रशासन, सुरक्षा व्यवस्था, छात्रों की आवाजाही और इस घटना से जुड़े हर पहलू की गहन जांच करेंगे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, लॉ कॉलेज में तैनात सुरक्षा गार्ड की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
समिति के सदस्य मानते हैं कि वे सुरक्षा गार्ड, कॉलेज प्रशासन, छात्रों और पुलिस अधिकारियों से मिलकर यह समझने का प्रयास करेंगे कि यह शर्मनाक घटना कैसे हुई और क्या इसमें किसी राजनीतिक दल या प्रभावशाली व्यक्ति की भूमिका रही।
पूर्व सांसद मीनाक्षी लेखी और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष मनन मिश्रा की उपस्थिति इस जांच को कानूनी दृष्टि से ठोस आधार प्रदान करेगी। वहीं, बिप्लब देब जैसे अनुभवी राजनेता के अनुभव से समिति को सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में स्थिति का बेहतर विश्लेषण करने में मदद मिलेगी।
कोलकाता से लौटने के बाद, जांच समिति अपनी विस्तृत रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेगी। इस रिपोर्ट में पीड़िता के बयान, प्रशासनिक और कानूनी पहलुओं की समीक्षा के साथ-साथ राज्य सरकार की भूमिका पर भी टिप्पणी की जाएगी।