क्या कोलकाता में बैंक धोखाधड़ी मामले में ईडी ने 169.47 करोड़ की संपत्तियां सेंट्रल बैंक को लौटाईं?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी की सक्रियता से बैंक धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई है।
- सेंट्रल बैंक को 169.47 करोड़ रुपए की संपत्तियां वापस मिलीं।
- फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर बैंक से क्रेडिट सुविधाएं लेना गंभीर अपराध है।
- कोर्ट ने बैंक को संपत्तियों का हकदार माना।
- धोखाधड़ी से संबंधित मामलों में त्वरित न्याय की आवश्यकता है।
कोलकाता, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स प्रकाश वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। ईडी ने इस घोटाले में कुर्क की गई 169.47 करोड़ रुपए की संपत्तियों को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को वापस सौंप दिया। यह आदेश कोलकाता की सिटी सेशन कोर्ट ने जारी किया है।
यह मामला मेसर्स प्रकाश वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटर-डायरेक्टर मनोज कुमार जैन से संबंधित है। जांच में पता चला कि कंपनी ने फर्जी वित्तीय दस्तावेज और बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए अकाउंट स्टेटमेंट के माध्यम से बैंक से बड़ी क्रेडिट सुविधाएं प्राप्त कीं।
इसके बाद इन फंड्स को नियमों के विरुद्ध अन्य स्थानों पर भेज दिया गया। इस धोखाधड़ी के कारण सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 234.57 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
ईडी ने पीएमएलए के अंतर्गत जांच आरंभ की और पश्चिम बंगाल व छत्तीसगढ़ में फैली कई संपत्तियों को कुर्क किया। इनमें से 199.67 करोड़ रुपए की संपत्तियां चार अलग-अलग प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के जरिए जब्त की गई थीं, जिन्हें बाद में एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी की मंजूरी भी मिल गई।
बैंक के पैसे की तत्काल रिकवरी के महत्व को देखते हुए ईडी ने सेंट्रल बैंक के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें कीं। इसके पश्चात बैंक ने अदालत में अटैच संपत्तियों के लिए आवेदन किया, जिसे ईडी ने भी कंसेंट पिटीशन के माध्यम से समर्थन दिया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया इन संपत्तियों का सही हकदार है, क्योंकि ये धोखाधड़ी से खोए हुए फंड की भरपाई कर सकती हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ईडी को इस प्रक्रिया पर कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि बैंक बकाया रकम पूरी तरह रिकवर कर ले और अतिरिक्त राशि होने पर उसे पीएमएलए के तहत सक्षम प्राधिकरण को जमा कराए।
सेंट्रल बैंक की नई वैल्यूएशन रिपोर्ट के अनुसार, अटैच संपत्तियों की कुल कीमत 169.47 करोड़ रुपए आंकी गई है।