क्या कृषि स्नातक के 20 प्रतिशत स्थान आईसीएआर से भरे जाएंगे?: शिवराज सिंह चौहान

सारांश
Key Takeaways
- कृषि स्नातक के लिए 20 प्रतिशत स्थान आईसीएआर से भरे जाएंगे।
- शिवराज सिंह चौहान ने यह निर्णय लिया है।
- छात्रों को कृषि शिक्षा में नए अवसर मिलेंगे।
- समस्याओं का समाधान किया जाएगा ताकि कृषि में योग्य छात्र आगे बढ़ सकें।
- आईसीएआर की सहायता से कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया में सुधार होगा।
भोपाल, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में कृषि विषय से स्नातक करने के इच्छुक छात्रों के लिए एक नई सुखद सूचना आई है, क्योंकि अब कृषि विश्वविद्यालयों में 20 प्रतिशत स्थान इंडियन कौंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) के माध्यम से भरे जाएंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लंबे समय से छात्रों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, जिसके समाधान के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में बताया कि एग्रीकल्चर एजुकेशन से संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दा था, जिससे छात्रों को काफी कठिनाइयाँ हो रही थीं। बीएससी एग्रीकल्चर में प्रवेश लेना कई सालों से चुनौतीपूर्ण हो गया था।
उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा में विभिन्न विषय संयोजनों जैसे एग्रीकल्चर, बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिज़िक्स, मैथ्स और विभिन्न राज्यों के अलग-अलग नियमों के कारण कई योग्य छात्र और छात्राएं कृषि की शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते थे।
कृषि मंत्री ने कहा कि छात्रों और उनके परिजनों ने विभिन्न माध्यमों से अपनी चिंताओं को साझा किया था। सोशल मीडिया पर भी छात्रों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। इसके बाद उन्होंने डायरेक्टर जनरल आईसीएआर को इस समस्या के समाधान के लिए निर्देश दिए, ताकि कृषि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छाशक्ति वाले छात्रों को कोई बाधा न आए।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में सभी कृषि विश्वविद्यालयों में, जिसमें केवल तीन केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, बाकी राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे कृषि विश्वविद्यालयों में 20 प्रतिशत स्नातक सीटें आईसीएआर द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से भरी जाएंगी, जिससे कृषि के विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी।