क्या गाजियाबाद के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन हुआ?
                                सारांश
Key Takeaways
- सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक किया गया।
 - ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए।
 - कर्मचारियों ने सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा ली।
 - साइबर सुरक्षा पर विशेषज्ञों द्वारा सत्र आयोजित किए गए।
 - सार्वजनिक जागरूकता के लिए नाट्य मंचन किया गया।
 
गाजियाबाद, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, गाजियाबाद में 18 अगस्त से 17 नवंबर तक चल रहे तीन माह के सतर्कता जागरूकता अभियान के तहत 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक 'सतर्कता जागरूकता सप्ताह' का सफल आयोजन किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों और नागरिकों में ईमानदारी, पारदर्शिता और सुशासन के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा। सप्ताह के दौरान कार्यालय में कई विशेष कार्यक्रमों और प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) गाजियाबाद के सहायक पुलिस अधीक्षक शिव कुमार जयंत ने 'सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निवारण' विषय पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कर्मचारियों को सतर्कता के विभिन्न पहलुओं, निवारक उपायों और नैतिक आचरण के महत्व से अवगत कराया।
साथ ही, साइबर सुरक्षा एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) विषय पर प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ. वंदना गुलिया ने एक जानकारीपूर्ण सत्र का संचालन किया। उन्होंने ऑनलाइन कार्यों के दौरान अपनाई जाने वाली सुरक्षा सावधानियों और साइबर धोखाधड़ी से बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बताया। सप्ताह के दौरान सभी कर्मचारियों ने सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा लेकर ईमानदारी, निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों का पालन करने का संकल्प लिया।
इसके अलावा, कार्यालय परिसर में हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से पासपोर्ट आवेदकों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और पासपोर्ट से संबंधित नियमों की जानकारी दी गई। जनजागरूकता बढ़ाने के लिए मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'नमक का दरोगा' पर आधारित एक नाट्य मंचन भी प्रस्तुत किया गया, जिसने सत्यनिष्ठा और कर्तव्यपरायणता के महत्व को प्रभावशाली ढंग से उजागर किया।
कार्यालय में पोस्टर, बैनर, स्लोगन और डिजिटल माध्यमों के जरिए भी सतर्कता से संबंधित संदेशों का प्रसार किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी अनुज स्वरुप, भारतीय विदेश सेवा, ने कहा कि विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत यह अभियान पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को पारदर्शी, निष्पक्ष और सुलभ सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराना है, जिससे सुशासन और जनविश्वास को और मजबूत किया जा सके।