क्या कुमारस्वामी के स्कूली पाठ्यक्रम में भगवद गीता शामिल करने की मांग का सपा विधायक ने किया समर्थन?
सारांश
Key Takeaways
- भगवद गीता का ज्ञान बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है।
- सपा विधायक ने कुमारस्वामी की मांग का समर्थन किया।
- किसी भी धर्म का सम्मान होना चाहिए।
- राजनीतिक एकता की आवश्यकता है।
- भाजपा सरकार की आलोचना की गई।
लखनऊ, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने स्कूली पाठ्यक्रम में भगवद गीता को शामिल करने की मांग की है, जिसका समर्थन समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ विधायक रविदास मेहरोत्रा ने किया है। मेहरोत्रा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि गीता में दिए गए ज्ञान की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है, और बच्चों को इसकी शिक्षाओं से परिचित कराया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने गीता के माध्यम से जो ज्ञान प्रदान किया है, वह आज भी मार्गदर्शक है और इसे शिक्षा में शामिल किया जाना चाहिए ताकि बच्चे नैतिकता, कर्तव्य और धैर्य जैसी मूल बातें समझ सकें। गीता का संदेश विश्वभर में फैलना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भगवद गीता की प्रति भेंट करने पर मेहरोत्रा ने कहा कि यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इसमें भारत की धार्मिक विविधता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए था। उन्होंने सुझाव दिया कि कुरान शरीफ को भी रूसी में भेंट किया जाना चाहिए था। भारत की शक्ति उसकी धार्मिक विविधता में निहित है।
बिहार चुनाव की समीक्षा करते हुए मेहरोत्रा ने कहा कि इंडिया गठबंधन को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में शामिल पार्टियों को एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा नहीं करना चाहिए। बिहार में 13 सीटों पर आरजेडी और कांग्रेस दोनों ने उम्मीदवार उतारे, जिससे जनता में भ्रम उत्पन्न हुआ और गठबंधन की छवि को नुकसान पहुंचा। यही वजह है कि बिहार में महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी ने बिहार चुनाव में किसी भी सीट पर टिकट न मिलने के बावजूद 26 रैलियां कीं। मेहरोत्रा ने कहा कि सपा ने त्याग और सहयोग की भावना दिखाई है और गठबंधन की सभी पार्टियों को इसी भावना से काम करना चाहिए।
उन्होंने प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर हमला करते हुए कहा कि यूपी के हर जिले में माफिया सक्रिय हैं और इनमें से अधिकांश को भाजपा सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि हमने राज्य के 75 बड़े अपराधियों की सूची जारी करने की मांग की है। देश देखेगा कि इनमें से 74 अपराधी भाजपा समर्थक या नेता हैं। यूपी में अपराध बढ़ने का कारण यह है कि सरकार अपराधियों को बचाने का काम कर रही है।
उन्होंने हाल ही में चर्चा में आए सिरप घोटाले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह लगभग दो हजार करोड़ रुपये का घोटाला था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इसमें शामिल लोग अपराधी नहीं हैं? सरकार कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है।