क्या 15 हजार किलोग्राम सोने से बना है तमिलनाडु का श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर, दीपावली पर होती है खास पूजा?

सारांश
Key Takeaways
- श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर 15 हजार किलोग्राम सोने से बना है।
- यह मंदिर दीपावली पर विशेष पूजा का आयोजन करता है।
- मंदिर में मनोकामना पूर्ति जल का सरोवर है।
- यह मंदिर साल भर खुला रहता है।
- यहां परंपरागत परिधान में आना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 20 अक्टूबर को देश भर में दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का आयोजन होता है, साथ ही कुबेर भगवान की भी उपासना की जाती है।
दक्षिण भारत में एक ऐसा अद्भुत मंदिर है, जो सोने से बना है और श्रद्धालु दूर-दूर से इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर तमिलनाडु के वेल्लोर नगर के मलाईकोड़ी पहाड़ों पर स्थित है, और इसे 15 हजार किलोग्राम शुद्ध सोने से बनाया गया है। इसे श्री नारायणी पीदम धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा स्थापित किया गया है, और इसकी ऊपरी परत सोने की चादर से ढकी हुई है। मंदिर का निर्माण 2001 में शुरू हुआ था और 2007 में पूर्ण हुआ। यह मंदिर एक एकड़ भूमि में फैला है और इसकी वास्तुकला दक्षिण भारतीय संस्कृति का बखान करती है। इसके अंदर श्रीपुरम आध्यात्मिक पार्क भी है। मंदिर के निर्माण में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत आई थी।
दीपावली के अवसर पर यहां विशेष सजावट और पूजा का आयोजन होता है। मां लक्ष्मी की प्रतिमा सोने से भरी होती है, और इसे देखने के लिए प्रतिदिन हजारों भक्त आते हैं। इस दिन विशेष पूजा और यज्ञ का आयोजन होता है, जिसमें भक्त धन-धान्य से परिपूर्ण होने का आशीर्वाद लेने आते हैं।
मंदिर में एक विशेष सरोवर भी बनाया गया है, जिसमें देश की सभी पवित्र नदियों का जल मिलाया गया है। इसे मनोकामना पूर्ति जल कहा जाता है। रात में मंदिर का दृश्य अद्भुत होता है, जहां सोने की चमक और लाइटों की रोशनी मंदिर की सुंदरता को बढ़ा देती हैं।
यह मंदिर साल के 365 दिन खुला रहता है और श्रद्धालु कभी भी यहां आकर दर्शन कर सकते हैं। ध्यान दें कि यहां पर श्रद्धालुओं को परंपरागत परिधान में आना आवश्यक है। मंदिर में दर्शन की सेवा निशुल्क है, लेकिन मां की विशेष पूजा के लिए पूर्व में बुकिंग करानी होती है।