क्या आतंकवाद का जाति-धर्म होता है? यह देश के लिए घातक : रुचि वीरा

सारांश
Key Takeaways
- आतंकवाद का कोई जाति-धर्म नहीं होता है।
- राजनीतिक बयानबाजी से बचना चाहिए।
- हर धर्म जोड़ने का सिखाता है, न कि तोड़ने का।
- बिहार में नई वोटर लिस्ट की जरूरत पर सवाल उठाया गया है।
- सभी दलों को एकता की दिशा में काम करना चाहिए।
मुरादाबाद, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा हरे रंग को आतंकवाद का रंग बताने पर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस पर समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद रुचि वीरा ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर को इस तरह की बयानबाजी से दूर रहना चाहिए।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान गलत है। ऐसे लोग सिर्फ देश का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं, और इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए। मैं प्रज्ञा ठाकुर को सलाह देना चाहूंगी कि ऐसे बयान न दें। आतंकवाद का कोई जाति-धर्म नहीं होता है, यह देश के लिए घातक है।
रुचि वीरा ने यह भी कहा कि प्रज्ञा ठाकुर का बयान केवल राजनीतिकरण के लिए है। उनसे पूछना चाहती हूं कि महात्मा गांधी को किसने मारा? क्या उन्हें मारने वाला कोई मुस्लिम था? इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को किसने मारा? ऐसे बयान देश के लिए ठीक नहीं हैं। इससे पूरे देश का माहौल खराब होता है। ऐसे बयानों के दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होते हैं।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी को लेकर रुचि ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान बेबुनियाद है। इस तरह के बयानों को मीडिया को नहीं चलाना चाहिए। एक पूर्व मुख्यमंत्री की इस प्रकार की टिप्पणी को लोगों को नजरअंदाज करना चाहिए। ऐसे लोगों से कुछ हासिल नहीं होने वाला है।
उन्होंने एनसीपी (एसपी) नेता जितेंद्र आव्हाड के बयान पर कहा कि कोई भी धर्म बुराई नहीं सिखाता है। हर धर्म जोड़ना सिखाता है, न कि तोड़ना।
बिहार में एसआईआर के विवाद के बारे में उन्होंने कहा कि छोटे से छोटे काम के लिए आईडी प्रूफ में आधार कार्ड को मांगा जाता है। उसे वोट डालने के लिए मान्यता नहीं दी जा रही है, ऐसा क्यों?
उन्होंने सवाल किया कि इस समय बिहार में ऐसी क्या जरूरत आ गई है कि नई वोटर लिस्ट बनाई जा रही है। भाजपा को बिहार में अपनी हार नजर आ रही है। इसलिए एसआईआर यही नहीं रुकेगी, पूरे देश में इसी प्रकार से अपनी सरकार लाने का प्रयास करेगी। इस पर पूरा विपक्ष विरोध कर रहा है और आगे भी करता रहेगा।