क्या अखिलेश यादव के आरोप वास्तव में बेबुनियाद हैं?

सारांश
Key Takeaways
- अखिलेश यादव के आरोपों को बृजेश पाठक ने बेबुनियाद बताया।
- प्रदेश में कानून का राज स्थापित हो चुका है।
- महिलाओं की सुरक्षा में सुधार हुआ है।
- युवाओं को उन्नति के समान अवसर मिल रहे हैं।
- माफिया राज समाप्त हो चुका है।
लखनऊ, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि अखिलेश यादव द्वारा आज आयोजित प्रेस वार्ता में उठाए गए सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं, जिनमें कोई भी सत्यता नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह खारिज नहीं किया जा सकता कि समाजवादी पार्टी ने अपने शासनकाल में गुंडों और अपराधियों को संरक्षण दिया। उनके शासन के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़खौफ नहीं था, जो कुछ भी चाहा, वो कर गए। लेकिन, आज की स्थिति पूरी तरह से विपरीत है। आज उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित है। अपराधियों को यह डर है कि यदि उन्होंने कोई गलत कार्य किया, तो प्रदेश सरकार तुरंत कड़ी कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं, जिनमें कोई भी सच्चाई नहीं है। वर्तमान में मुख्यमंत्री योगी के शासन में माफियाओं का डर है। उनके अवैध ठिकानों पर लगातार बुलडोजर चल रहा है। हर कोई यह स्वीकार कर रहा है कि प्रदेश में सही मायने में कानून का राज स्थापित हो रहा है।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि आज प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिल रहा है, जबकि सपा के शासनकाल में महिलाएं भय के साए में जीने को मजबूर थीं। आज स्थिति पूरी तरह से भिन्न है। आज युवाओं को उन्नति के समान अवसर मिल रहे हैं। प्रदेश में हर क्षेत्र में विकास की बयार बह रही है। यह दुखद है कि भाजपा के लोग वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि इन्हें आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उनके शासन में गन्ना किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी किसानों के हित का ध्यान नहीं रखा। आज प्रदेश की स्थिति बदल चुकी है।
उन्होंने कहा कि आज माफिया राज पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। पुलिस का एक्शन उन सभी माफियाओं के खिलाफ चल रहा है, जो कानून व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। सपा के शासनकाल में ऐसा नहीं होता था। सपा शासनकाल में माफियाओं को पोषित किया जाता था, लेकिन अब प्रदेश की तस्वीर बदल रही है।