क्या अमेरिकी व्यापार का भारतीय समुद्री उत्पादों पर प्रभाव है? सरकार ने क्या कहा?

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क्या अमेरिकी व्यापार का भारतीय समुद्री उत्पादों पर प्रभाव है? सरकार ने क्या कहा?

सारांश

क्या अमेरिकी व्यापार का भारतीय समुद्री उत्पादों पर प्रभाव है? जानें केंद्र सरकार के मत्स्यपालन विभाग ने क्या कहा। भारतीय समुद्री खाद्य निर्यात के भविष्य को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

Key Takeaways

  • अमेरिकी व्यापार का प्रभाव: भारत के समुद्री उत्पादों के आयात पर कई पहलों का असर।
  • सरकार की योजनाएं: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत महत्वपूर्ण पहल।
  • मछुआरों की सुरक्षा: मछुआरों के कल्याण के लिए सक्रिय कदम।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा: भारतीय समुद्री उत्पादों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन।
  • जैव विविधता संरक्षण: कृत्रिम रीफ और अन्य उपायों का कार्यान्वयन।

नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय समुद्री उत्पादों पर अमेरिकी व्यापार के प्रभाव का मुद्दा मंगलवार को संसद में चर्चा का विषय बना। इस पर केंद्र सरकार के मत्स्यपालन विभाग ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि भारत सरकार अमेरिका द्वारा भारत के समुद्री उत्पादों समेत कुछ वस्तुओं के आयात पर लागू किए गए व्यापारिक पहलुओं से अवगत है। इनमें स्वच्छता अनुपालन और सस्टेनेबिलिटी से संबंधित आवश्यकताएं शामिल हैं। सरकार का कहना है कि अमेरिका द्वारा उठाए गए ये कदम कई अन्य व्यापारिक भागीदारों पर भी लागू होते हैं और केवल भारत तक सीमित नहीं हैं।

मत्स्यपालन विभाग ने कहा कि आंध्र प्रदेश समेत भारतीय समुद्री खाद्य निर्यात पर समग्र प्रभाव विभिन्न कारकों से निर्धारित होता है। इनमें उत्पाद में भिन्नता, मांग की स्थिति, गुणवत्ता मानक और निर्यातकों तथा आयातकों के बीच संविदात्मक व्यवस्था जैसे तत्व शामिल हैं। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने लिखित जानकारी में बताया कि सरकार, समुद्री खाद्य निर्यातकों, उद्योग संघों, उद्यमियों और राज्य मत्स्यपालन विभागों के परामर्श से मछुआरों, समुद्री खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं और निर्यातकों के कल्याण को मुख्य प्राथमिकता दे रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट फंड के अंतर्गत सरकार समुद्री खाद्य संसाधनों के विकास और सुदृढ़ीकरण में सहायता कर रही है। इसमें फिशिंग हार्बर्स और फिश लैंडिंग सेंटर्स का उन्नयन, आधुनिक पोस्ट-हार्वेस्ट, कोल्ड चैन और प्रोसेसिंग सुविधाओं का विकास शामिल है। इसके अतिरिक्त, री-सर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम और बायोफ्लोक जैसी उन्नत तकनीकों को लागू करने, गुणवत्ता परीक्षण और डायग्नोस्टिक लैबोरेटरीज की स्थापना, निर्यातोन्मुखी प्रजातियों को प्रोत्साहित करने आदि के उपाय भी शामिल हैं।

उन्होंने आगे बताया कि मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) समुद्री खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके तहत निर्यातकों का पंजीकरण किया जाता है, गुणवत्ता मानक तय किए जाते हैं और विदेशी आयातकों के साथ समन्वय स्थापित किया जाता है। एमपीईडीए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों, प्रदर्शनों और खरीदार-विक्रेता बैठकों में भागीदारी के माध्यम से भारतीय समुद्री उत्पादों को वैश्विक बाजार में बढ़ावा दिया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिकी बाजार सहित विभिन्न निर्यात बाजारों में भारतीय समुद्री खाद्य निर्यात की निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। अमेरिका समेत विभिन्न निर्यात बाजारों में आपूर्ति बनी रहे, इसके लिए समुद्री प्रजातियों के आकलन हेतु ‘मरीन मैमल स्टॉक असेसमेंट प्रोजेक्ट’ लागू किया जा रहा है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत झींगा ट्रॉलरों में टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस लगाने में सहायता की जा रही है, जिससे समुद्री कछुओं का संरक्षण संभव हो सके।

योजना के तहत सी रैंचिंग यानी समुद्री प्रजातियों को समुद्र में पुनः छोड़ने का कार्य किया जा रहा है। कृत्रिम रीफ की स्थापना की गई है और अन्य जैव विविधता संरक्षण उपाय भी अपनाए जा रहे हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल मछुआरों की आजीविका सुरक्षित करना है, बल्कि प्रजातियों और निर्यात बाजारों का विविधीकरण करते हुए भारत के समुद्री क्षेत्र की दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धात्मकता को भी सुनिश्चित करना है। इस प्रकार, भारत वैश्विक स्तर पर एक सतत और जिम्मेदार समुद्री खाद्य निर्यातक के रूप में अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सरकार भारतीय समुद्री उत्पादों की निर्यात क्षमता को बढ़ाने के लिए गंभीर है। अमेरिकी व्यापार के प्रभाव को समझते हुए, सरकार ने कई पहल की हैं। यह न केवल निर्यातकों के लिए बल्कि मछुआरों के कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिकी व्यापार का भारतीय समुद्री उत्पादों पर क्या प्रभाव है?
अमेरिकी व्यापार के कारण भारत के समुद्री उत्पादों के आयात पर कई ट्रेड संबंधी पहलों का असर हो रहा है।
क्या सरकार ने निर्यातकों के लिए कोई योजना बनाई है?
हां, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत कई योजनाएं बनाई गई हैं।
क्या मछुआरों की कल्याण के लिए कुछ किया जा रहा है?
सरकार मछुआरों के कल्याण के लिए कई पहलों का पालन कर रही है।
भारतीय समुद्री उत्पादों को कैसे बढ़ावा दिया जा रहा है?
भारतीय समुद्री उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में भागीदारी के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।
क्या सरकार ने जैव विविधता संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं?
जी हां, कृत्रिम रीफ की स्थापना और सी रैंचिंग जैसे उपाय किए जा रहे हैं।