क्या बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में राजद की पकड़ मजबूत रहेगी?

सारांश
Key Takeaways
- बनियापुर धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध है।
- यहाँ के मंदिर और मेले बड़े स्तर पर श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
- कृषि यहाँ की मुख्य आर्थिक गतिविधि है।
- राजद ने पिछले चुनावों में मजबूत पकड़ बनाए रखी है।
- भाजपा और वामपंथी दलों की यहाँ सीमित उपस्थिति है।
पटना, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बनियापुर विधानसभा क्षेत्र, जो बिहार के सारण जिले में स्थित है, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद समृद्ध है। यहाँ के मंदिर और धार्मिक स्थल ना केवल स्थानीय भक्तों को बल्कि आस-पास के कई गांवों से आये हुए लोगों को भी आकर्षित करते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से, बनियापुर का अंबा स्थान मंदिर (आमी) एक प्राचीन धार्मिक स्थल है, जिसमें एक बगीचा और एक गहरा कुआं है, जो साल भर पानी से भरा रहता है। नवरात्रि (अप्रैल और अक्टूबर) के दौरान यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के यज्ञ कुंड में चढ़ाया गया जल रहस्यमय रूप से लुप्त हो जाता है, जो भक्तों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा, बेरूई शिव मंदिर भी एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहाँ महाशिवरात्रि के अवसर पर भारी भीड़ होती है। बनियापुर मेला, जो लगभग तीन महीने तक चलता है, क्षेत्र की सांस्कृतिक जीवंतता का प्रतीक है।
भौगोलिक दृष्टि से, यह क्षेत्र छपरा से लगभग 37 किलोमीटर पूर्व और दिघवारा से 4 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। यहाँ की मुख्य अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है, जिसमें धान, गेहूं, मक्का और दालें प्रमुख फसलें हैं। इसके साथ ही, गन्ना और सब्जियों की खेती भी की जाती है। हालांकि, यहाँ बड़े उद्योगों की कमी है, लेकिन स्थानीय चावल मिलें, ईंट भट्टे और साप्ताहिक हाट ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
राजनीतिक दृष्टि से, बनियापुर विधानसभा क्षेत्र सारण जिले के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक सामान्य श्रेणी की सीट है और यह महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यह क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है और यहाँ शहरी मतदाता नहीं हैं। 1951 से स्थापित इस क्षेत्र ने अब तक 17 विधानसभा चुनाव देखे हैं। इसमें कांग्रेस पार्टी ने सात बार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीन बार, जनता पार्टी ने दो बार और जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी और एक-एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक बार जीत हासिल की है।
वामपंथी और भाजपा की पकड़ इस क्षेत्र में अब तक मजबूत नहीं हो पाई है। राजद के केदार नाथ सिंह ने 2010, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर इस क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है।