क्या आने वाले दिनों में भारत और मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे?

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क्या आने वाले दिनों में भारत और मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मालदीव दौरा बेहद खास है। इस यात्रा में भारत और मालदीव के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद है। जानिए, इस यात्रा के महत्व और संभावित सहयोग के बारे में।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी का मालदीव दौरा भारत और मालदीव के रिश्तों को नई दिशा देगा।
  • यह यात्रा मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
  • दोनों देशों के बीच सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
  • राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यकाल में यह पहली यात्रा है।
  • इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनयिक संबंध मजबूत होंगे।

नई दिल्ली/माले, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी राजकीय यात्रा पर मालदीव की राजधानी माले पहुँच गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि भारत-मालदीव के संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुँचेंगे। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्वारा मिले भव्य स्वागत के लिए पीएम मोदी ने अपनी खुशी व्यक्त की।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "मैं माले पहुँच चुका हूँ। मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने एयरपोर्ट पर मेरा स्वागत किया। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में भारत और मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुँचेंगे।"

इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने भी 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें लिखा गया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के माले पहुँचे, जहाँ उनका औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति मुइज्जू और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत किया। यह पीएम मोदी की मालदीव की तीसरी यात्रा है। वे मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में 'मुख्य अतिथि' के रूप में भाग लेंगे।"

यह यात्रा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के साथ-साथ दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। यह राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यकाल के दौरान किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा है।

दोनों नेता अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान अपनाए गए 'व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी' के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लेंगे। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच चर्चा में बुनियादी ढांचे के विकास, रक्षा सहयोग और आर्थिक संपर्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है, जिससे दोनों देशों के बीच साझेदारी मजबूत होगी।

भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंध रहे हैं। भारत 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता को मान्यता देने और राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था। वर्षों से यह संबंध घनिष्ठ, सौहार्दपूर्ण और राजनीतिक विवाद से मुक्त रहे हैं।

मालदीव में 1988 के तख्तापलट के प्रयास के दौरान भारत की त्वरित सैन्य सहायता ने स्थायी विश्वास का निर्माण किया। इसके बाद भारतीय सैनिकों की त्वरित वापसी ने मालदीव की संप्रभुता को सुनिश्चित करने में मदद की, जिससे भारत की एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में छवि मजबूत हुई।

Point of View

यह यात्रा न केवल राजनयिक स्तर पर, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और मालदीव के बीच संबंधों को मजबूत करना और आर्थिक तथा सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।
भारत और मालदीव के संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या है?
भारत और मालदीव के बीच संबंध लंबे समय से मजबूत रहे हैं, जिसमें सांस्कृतिक, भाषाई और वाणिज्यिक संबंध शामिल हैं। भारत ने 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी।