क्या ब्रिज के टूटने पर विपक्ष राजनीति कर रहा है? : मुकेश दलाल

सारांश
Key Takeaways
- ब्रिज का टूटना एक गंभीर घटना है।
- विपक्ष की राजनीति पर सवाल उठाए गए हैं।
- सरकार ने जांच समिति बनाई है।
- आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है।
- सेफ्टी नेट महत्वपूर्ण है।
सूरत, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के अनुभवी नेता और गुजरात के सूरत से लोकसभा सांसद मुकेश दलाल ने गुरुवार को कहा कि वड़ोदरा और आणंद जिले को जोड़ने वाले ब्रिज के टूटने पर विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए।
मुकेश दलाल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए बताया, "2009-10 में जब मैं स्थायी समिति का अध्यक्ष था, तब मेरे मन में यह सवाल आया था कि सूरत में सरदार ब्रिज और सावजी कोराट ब्रिज पर आत्महत्याएं सबसे अधिक हो रही थीं। औसतन, इन दोनों ब्रिज पर 80 से 90 आत्महत्याएं हो रही थीं। तब मैंने इन दोनों ब्रिज पर सेफ्टी नेट लगाने का निर्णय लिया था। इसका परिणाम यह हुआ कि आत्महत्याएं रुक गईं। उसके बाद सभी ब्रिज पर सेफ्टी नेट लगाए गए।"
उन्होंने कहा, "मेरे अध्यक्ष रहते हुए 2010 में केबल स्टेड ब्रिज के निर्माण को मंजूरी मिली और इसका निर्माण कार्य 2018 में पूरा हुआ और इसका लोकार्पण किया गया। इस ब्रिज पर भी आत्महत्याएं हो रही थीं। इसकी वजह सेफ्टी नेट का न होना था। मैंने महानगरपालिका के कमिश्नर को पत्र लिखा कि ब्रिज के दोनों ओर सेफ्टी नेट लगाई जाए, ताकि लोग आत्महत्या न कर सकें।"
गुजरात के वडोदरा और आणंद जिले को जोड़ने वाले ब्रिज के टूटने पर विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है। इस पर भाजपा सांसद ने कहा कि ब्रिज का टूटना एक दुखद घटना है। विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। सरकार ने अपनी ओर से जांच समिति बनाई है।
गुजरात के वडोदरा में महिसागर नदी पर बना ब्रिज बुधवार सुबह टूट गया। इस भयानक हादसे में दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा समेत कुल पांच गाड़ियां नदी में गिर गईं। हादसे में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ को स्थानीय लोगों ने बचा लिया। यह 45 साल पुराना ब्रिज दक्षिण गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता था।
पुल के टूटने से भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड जैसे दक्षिण गुजरात के शहरों से सौराष्ट्र पहुंचने में अधिक समय लगेगा। अब इसके लिए अहमदाबाद होकर लंबा रास्ता अपनाना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।