क्या चुनाव आयोग का कदम लोकतंत्र को मजबूत करेगा? : ललन सिंह

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता सूची की शुद्धता को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
- अवैध मतदाताओं को रोकना लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
- चुनाव आयोग की पारदर्शिता से विश्वास बढ़ेगा।
- हर नागरिक का मत डालने का अधिकार सुनिश्चित करना प्राथमिकता है।
- सरकार और आयोग का उद्देश्य लोकतंत्र की मजबूती है।
नई दिल्ली, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने चुनाव आयोग के हालिया कदमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह देश के लोकतंत्र की जड़ों को और भी मजबूत करेगा। उनका मानना है कि चुनाव आयोग का यह कदम लोकतंत्र को सशक्त बनाएगा और अवैध मतदाताओं के आधार पर सत्ता हासिल करने की कोशिशों पर रोक लगाएगा।
ललन सिंह ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, "चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि संविधान के अनुसार, केवल इस देश का नागरिक ही मतदाता हो सकता है। आयोग ने चार मानदंड तय किए हैं। पहला, इस देश के नागरिकों को ही नागरिकता प्रमाणपत्र दिया जाए। दूसरा, जो लोग अस्थायी रूप से विदेश में रह रहे हैं, उन्हें मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। तीसरा, जिन लोगों का नाम दो जगहों पर मतदाता सूची में दर्ज है, उनका नाम एक जगह से हटाया जाए और उन्हें यह चुनने का अधिकार दिया जाए कि वे कहां मतदाता के रूप में पंजीकृत रहना चाहते हैं। चौथा, जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाएं।"
उन्होंने सवाल उठाया, "चुनाव आयोग का कौन सा कदम लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है? ये सभी कदम लोकतंत्र को मजबूत करने वाले हैं।"
ललन सिंह ने आगे कहा कि चुनाव आयोग के ये कदम न केवल मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करेंगे, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास को भी बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर योग्य नागरिक को वोट देने का अधिकार मिले, लेकिन अवैध तरीकों से मतदाता सूची में शामिल लोगों पर सख्ती जरूरी है।
बिहार में मतदाता पुनरीक्षण पर बोलते हुए भाजपा नेता विवेक ठाकुर ने कहा कि विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे मुद्दे में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार ने अपने तय लक्ष्यों को लगभग शत-प्रतिशत हासिल कर लिया है और इसमें जनता की पूर्ण सहभागिता रही है।
विवेक ठाकुर ने कहा, "इस मुद्दे में कोई सच्चाई नहीं है। बिहार ने अपने लक्ष्य को लगभग पूरी तरह हासिल कर लिया है। लोगों ने इसमें पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया है। अब विपक्ष की ओर से इसे मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि कोई मुद्दा है ही नहीं। कोई भी व्यक्ति कुछ भी बोल सकता है, लेकिन इसका कोई आधार नहीं है।"