क्या एसआईआर पर सवाल पूछने से चुनाव आयोग जवाब देगा?: सुरेंद्र राजपूत
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए।
- चुनाव आयोग को उत्तर देना आवश्यक है।
- तानाशाही प्रवृत्ति का विरोध किया जाएगा।
- बूथ लेवल एजेंट्स ने सक्रियता से काम किया।
- जनता का विश्वास बनाए रखना आवश्यक है।
लखनऊ, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने 12 राज्यों में होने वाले एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में हुए एसआईआर को लेकर हमने कई प्रश्न उठाए थे, लेकिन कोई भी जवाब नहीं मिला है।
चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के लिए एसआईआर की घोषणा की है। 12 राज्यों में यह प्रक्रिया पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार को भी कवर किया जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आयोग द्वारा एसआईआर की घोषणा बहुत ही कानूनी और उचित तरीके से होना चाहिए, जो समझ में आने वाला हो। लेकिन, बिहार में लागू किए गए एसआईआर के बारे में सभी प्रश्न अभी भी अनुत्तरित हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को बिहार में एसआईआर पर जवाब देना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि कितने नए मतदाता जोड़े गए हैं और कितने घुसपैठियों के वोट रोके गए हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कराए गए एसआईआर में आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में क्यों बने हुए हैं, जबकि जीवित लोगों के नाम क्यों हटाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से राजनीतिक दलों को जवाब न देने की तानाशाही प्रवृत्ति का हम कड़ा विरोध करेंगे।
ज्ञात हो कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पहले चरण के अंतर्गत बिहार में हुए एसआईआर पर किसी राजनीतिक दल द्वारा विरोध न करने की बात कही थी। उन्होंने सोमवार को प्रेस वार्ता में बताया कि पहले चरण के एसआईआर में आयोग के पास कोई आपत्ति नहीं आई। ऐसे में विरोध करने वालों ने क्या जनता को गुमराह करने का काम किया।
उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग यह नहीं मानता कि बिहार में एसआईआर का किसी राजनीतिक दल ने विरोध किया, क्योंकि जमीनी स्तर पर 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स ने सक्रिय रूप से बूथ लेवल अधिकारियों और मतदाताओं के साथ मिलकर काम किया।