क्या सीएम भगवंत मान ने सदन में बाढ़ की स्थिति पर सही जानकारी दी?

सारांश
Key Takeaways
- सीएम भगवंत मान ने बाढ़ की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी।
- केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैकेज पर सवाल उठाए गए।
- राहुल गांधी को जेड प्लस सुरक्षा मिली थी।
- बाढ़ राहत पैकेज का वितरण संतोषजनक नहीं था।
- हरियाणा के मुख्यमंत्री की मदद की पेशकश अस्वीकार की गई।
चंडीगढ़, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को बाढ़ को लेकर विशेष सत्र में लगभग छह घंटे तक चर्चा हुई, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विपक्ष के सभी आरोपों का जवाब देते हुए पंजाब में आई बाढ़ की स्थिति पर विस्तार से जानकारी साझा की। सत्र के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के दौरे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने के प्रयास और केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैकेज पर खुलकर बात की। बहस के बाद विधानसभा को सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
अपने संबोधन की शुरुआत में सीएम भगवंत मान ने विपक्ष पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि जिसका जितना दिमाग, उसने उतनी बात की है। कुछ लोग आपदा में अवसर ढूंढते हैं और बाढ़ के बहाने मुझे गालियां निकाल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई थी, लेकिन रावी नदी का बहाव तेज था। अगर वे बह जाते, तो विपक्ष आरोप लगाता कि राहुल गांधी को पाकिस्तान भेज दिया गया।
सीएम ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि केंद्र ने स्टेट डिजास्टर फंड में 25 साल में कुल 6,090 करोड़ रुपये दिए। इसके अलावा बाकी राशि पंजाब सरकार द्वारा दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार ने पैसा खा लिया है, जबकि दिल्ली से आए केंद्रीय मंत्री केवल फोटो खिंचाकर चले गए।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने हेलिकॉप्टर से निरीक्षण किया, लेकिन नीचे फौज और भाजपा-कांग्रेस के प्रतिनिधि बैठे थे। उन्होंने कहा कि 1,600 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया गया, लेकिन 2,305 बाढ़ प्रभावित गांवों में हर गांव के हिस्से में केवल 80 लाख रुपये भी नहीं पहुंचे।
सीएम भगवंत मान ने बीबीएमबी द्वारा पानी नहीं छोड़ने के मुद्दे पर कहा कि सिर्फ 4,000 क्यूसिक पानी छोड़ने की बात थी, इससे बाढ़ कैसे रोकी जा सकती थी? उन्होंने बताया कि रणजीत सागर डैम, पौंग डैम, और भाखड़ा डैम में इस बार 1988 के मुकाबले बहुत अधिक पानी आया। उन्होंने घग्गर नदी की सफाई और डिसिल्टिंग का डेटा साझा किया, जो 60 साल में पहली बार भाखड़ा और पौंग में की गई।
सीएम ने बाढ़ राहत पैकेज को सीएम रिलीफ फंड में न लाने पर भी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि सीएम रिलीफ फंड में सीएसआर का पैसा नहीं आ सकता और इसमें सांसद केवल 20 लाख रुपये ही दे सकते हैं। उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई सोसाइटी का हवाला देते हुए कहा कि वह वित्तमंत्री के अधीन है और इसके विवरण बाद में बताए जाएंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा मदद की पेशकश पर सीएम मान ने कहा कि उन्हें पानी लेने से मना कर दिया गया और इसका प्रमाण चिट्ठी के रूप में भी मौजूद है। उन्होंने गैर-पंजाबियों के विरोध और प्रवासियों के मुद्दे पर भी कहा कि किसी के साथ क्रिमिनल कृत्य होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सजा दी जाएगी, और अपराध का कोई धर्म-जाति नहीं होता।
वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय न मिलने पर कहा कि इसके लिए 1-2 ईमेल और भेजे जाएंगे, ताकि इस मुद्दे को दिल्ली में भी उठाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री आए, वह अस्पताल में भर्ती थे, और उस पर भी राजनीतिक आरोप लगाए गए। सीएम मान ने स्पष्ट किया कि बीमारी का मजाक नहीं किया जाना चाहिए और बाढ़ राहत कार्य प्राथमिकता के आधार पर जारी रहेगा।