क्या एमवीए का प्रदर्शन सिर्फ दिखावा है? मनीषा कायंदे की टिप्पणी

Click to start listening
क्या एमवीए का प्रदर्शन सिर्फ दिखावा है? मनीषा कायंदे की टिप्पणी

सारांश

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी का चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर मनीषा कायंदे ने इसे महज दिखावा बताया है। उनका कहना है कि यह राजनीतिक अस्तित्व बचाने की कोशिश से अधिक कुछ नहीं है। क्या यह आंदोलन सच में प्रभावी है या सिर्फ एक दिखावा? जानिए इस पर मनीषा कायंदे की पूरी राय।

Key Takeaways

  • एमवीए का प्रदर्शन राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई है।
  • ईवीएम की सुरक्षा और मतदाता सूचियों की सटीकता महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
  • कांग्रेस का प्रदर्शन दिखावे के लिए है।
  • राजनीतिक दलों को अपने दावों की सच्चाई को समझना होगा।

मुंबई, १ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) द्वारा चुनाव आयोग के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। शिवसेना की नेता मनीषा कायंदे ने इस प्रदर्शन को 'सिर्फ दिखावा' बताया है और कहा कि यह आंदोलन राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के प्रयास से अधिक नहीं है।

कायंदे ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में बताया कि पुलिस ने अब तक एमवीए के इस प्रस्तावित प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं दी है। उनके अनुसार, एमवीए के नेताओं के दो मुख्य मुद्दे हैं, मतदाता सूचियों की सटीकता और ईवीएम की सुरक्षा

कायंदे ने कहा कि ईवीएम की बार-बार जांच के लिए हैकर्स को बुलाया जाता है, लेकिन वे मशीन को हैक करने में असफल रहते हैं। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है जो कानून के तहत कार्य करता है। आज का यह मोर्चा सिर्फ दिखावा है, क्योंकि अब यह उनके लिए अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है।

शिवसेना नेता ने कहा कि जिन दलों ने लोकसभा चुनाव के दौरान 'फर्जी नैरेटिव' चलाया था, वही अब हार के डर से चुनाव आयोग को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उनके उम्मीदवार जीतते थे, तब उन्हें ईवीएम पर कोई संदेह नहीं था, अब जब जनता ने उनसे मुंह मोड़ लिया है, वे ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं।

कायंदे ने इस विरोध प्रदर्शन को 'प्रतीकात्मक और भ्रामक' बताते हुए कहा कि यह रैली केवल पार्टी नेताओं के बच्चों के लिए एक मंच बन गई है। जनता को गुमराह करने के अलावा इन पार्टियों के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है।

कांग्रेस पार्टी की इस रैली में शामिल होने को लेकर उन्होंने तीखी टिप्पणी की और कहा कि यह एक मजबूरी का रिश्ता है। कांग्रेस को दिखावा करना पड़ता है ताकि गठबंधन में अपनी मौजूदगी बनाए रख सके।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर दिए गए बयान पर कायंदे ने कहा कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने कभी भी किसी आतंकवादी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग नहीं की। अब वह देशहित में काम करने वाली संस्था पर प्रतिबंध की मांग कर रही है। यह लश्कर-ए-तैयबा की लाइन से मेल खाती है। इंदिरा गांधी ने भी कभी आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने से इनकार किया था। कांग्रेस हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है।

कायंदे ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह बयान हमारे वीर जवानों का अपमान है। 'ऑपरेशन सिंदूर' की सराहना पूरी दुनिया ने की है। ऐसा बयान देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और राष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाने वाला है।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम राजनीति के इस पहलू को सही तरीके से समझें। मनीषा कायंदे के विचारों को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यह हमारे लोकतंत्र की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है। हमें हमेशा देशहित में सोचना चाहिए।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

मनीषा कायंदे ने प्रदर्शन को क्यों दिखावा बताया?
उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक अस्तित्व बचाने की कोशिश से अधिक कुछ नहीं है।
एमवीए के नेता किन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं?
मतदाता सूचियों की सटीकता और ईवीएम की सुरक्षा मुख्य मुद्दे हैं।
कांग्रेस पार्टी की भूमिका इस प्रदर्शन में क्या है?
कांग्रेस को दिखावा करना पड़ता है ताकि गठबंधन में अपनी मौजूदगी बनाए रख सके।