क्या ईयू-भारत एफटीए से माल्टा की कंपनियों का निवेश आसान होगा: राजदूत रूबेन गौसी?

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क्या ईयू-भारत एफटीए से माल्टा की कंपनियों का निवेश आसान होगा: राजदूत रूबेन गौसी?

सारांश

भारत और माल्टा की 60वीं सालगिरह पर राजदूत रूबेन गौसी ने निवेश की संभावनाओं पर बात की। उन्होंने कहा कि ईयू-भारत एफटीए के हस्ताक्षर से माल्टा की कंपनियों के लिए भारत में निवेश करना आसान होगा। जानें इस महत्वपूर्ण बातचीत के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत और माल्टा के बीच 60 वर्षों का द्विपक्षीय संबंध।
  • माल्टा की स्वतंत्रता को भारत ने 1964 में मान्यता दी।
  • ईयू-भारत एफटीए निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
  • बड़े भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों का माल्टा में निवेश।
  • नई दिल्ली में माल्टा का उच्चायोग 2007 से है।

नई दिल्ली, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और माल्टा अपने द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं सालगिरह मना रहे हैं। इस अवसर पर भारत में माल्टा के राजदूत रूबेन गौसी ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत की। भारत ने 1964 में माल्टा की स्वतंत्रता को मान्यता दी और दोनों देशों के बीच 10 मार्च 1965 को द्विपक्षीय संबंध स्थापित हुए थे। भारत ने 2017 में माल्टा में अपना उच्चायोग पुनः खोला। वहीं, माल्टा ने 2007 में नई दिल्ली में अपना उच्चायोग स्थापित किया।

रूबेन गौसी ने कहा, "मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि इस वर्ष, 2025, माल्टा-भारत द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं सालगिरह है। भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय रिश्ते 10 मार्च 1965 को शुरू हुए थे, और हमें इस बात के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए कि भारत माल्टा को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। हमें 21 सितंबर 1964 को आजादी मिली और 60 साल से भी कम समय बाद, भारत ने माल्टा को मान्यता दी और हमारे द्विपक्षीय संबंध तुरंत शुरू हो गए।"

व्यापार के संदर्भ में, उन्होंने कहा, "आयात और निर्यात में थोड़ा असंतुलन है। इसलिए भारत माल्टा को लगभग 300 मिलियन का निर्यात करता है, जबकि दुर्भाग्यवश, भारत में माल्टा के प्रोडक्ट्स का निर्यात बहुत कम है। लेकिन मैंने बताया कि 2022 से हमने पहली बार स्टेपल माल्टीज ड्रिंक्स और स्टेपल फूड्स आयात करना शुरू किया है और इससे सिर्फ, मैं इसे कैसे कहूं, आयात का आर्थिक पहलू ही नहीं, बल्कि मौजूदगी भी बढ़ रही है। क्योंकि जब आप देखते हैं कि माल्टा जैसा छोटा देश अपने ब्रांड्स को भारत जैसी जगहों पर निर्यात करने में सफल होता है, तो मेरा मानना है कि यह आर्थिक स्तर पर और कूटनीतिक स्तर पर भी एक बड़ी उपलब्धि है।"

राजदूत ने कहा, "मैं दो बहुत बड़ी भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों, अरबिंदो और टोरेंट के फार्मास्यूटिकल्स का उल्लेख कर सकता हूं, जिनका माल्टा में बहुत बड़ा निवेश है, और भी कई कंपनियां हैं। बेशक, इस समय भारत में बहुत कम माल्टा की कंपनियां निवेश कर रही हैं। मुझे पता है कि एक खास कंपनी है, लेकिन मैं सच में और भी कंपनियों को लाना चाहूंगा। लेकिन भारत में माल्टा का निवेश लाना बहुत आसान होगा यदि ईयू-भारत एफटीए पर हस्ताक्षर हो जाए।"

उन्होंने कहा कि आपने सुना होगा कि अगले साल, जनवरी 2026 में, यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष और यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष 26 जनवरी 2026 को भारत के रिपब्लिक डे पर गेस्ट ऑफ ऑनर होंगे और ऐसा होना भी अच्छा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि ईयू-भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन हो जाएगा।

Point of View

NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और माल्टा के बीच द्विपक्षीय संबंध कब स्थापित हुए?
भारत और माल्टा के बीच द्विपक्षीय संबंध 10 मार्च 1965 को स्थापित हुए थे।
माल्टा के राजदूत ने भारत में निवेश के लिए क्या कहा?
राजदूत ने कहा कि ईयू-भारत एफटीए के हस्ताक्षर से माल्टा की कंपनियों के लिए भारत में निवेश करना आसान होगा।
भारत ने माल्टा की स्वतंत्रता को कब मान्यता दी?
भारत ने 1964 में माल्टा की स्वतंत्रता को मान्यता दी।
क्या भारत में माल्टा के उत्पादों का निर्यात बढ़ रहा है?
राजदूत ने बताया कि भारत में माल्टा के उत्पादों का निर्यात अभी भी कम है, लेकिन हाल ही में स्टेपल माल्टीज ड्रिंक्स और फूड्स का आयात शुरू हुआ है।
ईयू-भारत एफटीए पर कब हस्ताक्षर होने की संभावना है?
राजदूत ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि ईयू-भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट 26 जनवरी 2026 को साइन हो जाएगा।
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