क्या गठबंधन में कोई भ्रम या टकराव नहीं होना चाहिए? डी. राजा ने राहुल गांधी के बयान पर दी प्रतिक्रिया

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने आरएसएस और सीपीआई(एम) के बीच भावना की कमी पर सवाल उठाया।
- डी. राजा ने एकजुटता पर जोर दिया।
- गठबंधन में कोई भ्रम या टकराव नहीं होना चाहिए।
पटना, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और सीपीआई(एम) में भावना की कमी है। राहुल गांधी के इस बयान ने सियासी हलचल को जन्म दिया। सीपीआई महासचिव डी. राजा ने उन्हें एकजुट रहने की सलाह दी है। डी. राजा ने कहा कि गठबंधन में कोई भ्रम या टकराव नहीं होना चाहिए।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आरएसएस-सीपीआई(एम) वाले बयान पर डी. राजा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं बल्कि मुझे और बाकी नेताओं के साथ एकजुट होना होगा। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ गठबंधन को एकजुट और संगठित रहना होगा। 'देश बचाओ, भाजपा हटाओ', अगर यही हमारा मकसद है, तो हमें उनके खिलाफ गठबंधन को मजबूत करना होगा, यही हमारा विचार है। कोई भ्रम या टकराव नहीं होना चाहिए।"
डी राजा ने आगे कहा, "नेताओं को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जो संघर्ष पैदा करे। मुझे लगता है कि इंडिया ब्लॉक को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। साथ ही भाजपा को सत्ता से हटाकर देश को मजबूत करना चाहिए।"
लोकसभा में नेता राहुल गांधी ने केरल के कोट्टायम में कहा, "मैं आरएसएस और सीपीआई(एम) से विचारधारा और विचारों के स्तर पर लड़ता हूं। मेरी उनसे सबसे बड़ी शिकायत यह है कि उनके मन में लोगों के लिए कोई भावना नहीं है। आप चाहे जितने भाषण दें, अगर आप लोगों की भावनाओं को नहीं समझते, उन्हें गले नहीं लगाते, तो आप नेता नहीं बन सकते।"
राहुल गांधी के बयान पर सीपीआई(एम) महासचिव एम.ए. बेबी ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "हम समय आने पर कांग्रेस की भी आलोचना करते हैं, लेकिन हम कांग्रेस की तुलना भाजपा से कभी नहीं करेंगे। जबकि राहुल गांधी ने आरएसएस और सीपीआई(एम) की तुलना की। यह एक अनावश्यक बयान था और विपक्ष के नेता को इससे बचना चाहिए था।"