क्या ग्रामीण विकास समिति की बैठक में हंगामा हुआ? कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने उठाए सवाल

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क्या ग्रामीण विकास समिति की बैठक में हंगामा हुआ? कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने उठाए सवाल

सारांश

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज समिति की बैठक में हंगामा मच गया जब भाजपा सांसदों ने मेधा पाटकर और प्रकाश राज के आमंत्रण पर विरोध जताया। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जानिए इस विवाद का पूरा सच।

Key Takeaways

  • ग्रामीण विकास समिति की बैठक में हंगामा हुआ।
  • भाजपा सांसदों ने मेधा पाटकर और प्रकाश राज का विरोध किया।
  • कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने गंभीर सवाल उठाए।
  • भूमि अधिग्रहण कानून पर बहस छिड़ी।
  • लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान जरूरी है।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संबंधी संसदीय समिति की बैठक गुरुवार को उस समय हंगामे का शिकार हो गई, जब सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और प्रकाश राज को आमंत्रित किए जाने पर भाजपा सांसदों ने अपना विरोध जताया।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संसदीय परंपराओं के उल्लंघन और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल उठाए। मसूद ने कहा, बैठक की शुरुआत 17 सदस्यों की उपस्थिति में हुई थी। मेधा पाटकर और प्रकाश राज को खासतौर पर आमंत्रित किया गया था, ताकि वे ग्रामीण विकास और भूमि अधिग्रहण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा कर सकें।

इमरान मसूद ने कहा, "अगर किसी को बुलाया गया है, तो उनकी बात सुननी चाहिए। आप उनसे सहमत हों या नहीं, यह अलग बात है, लेकिन उनकी बात को अनसुना करना और वॉकआउट करना संसदीय परंपराओं का अपमान है।"

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के सांसदों ने मेधा पाटकर और प्रकाश राज को सुनने से इनकार कर दिया और बैठक से वॉकआउट कर गए। इसके बाद जब विपक्षी सांसदों ने उन्हें वापस बुलाने का अनुरोध किया तो अधिकारियों ने दावा किया कि कोरम खत्म हो गया है। बैठक शुरू होने के समय 17 सदस्य मौजूद थे और उन्होंने उपस्थिति दर्ज की थी। फिर अचानक कोरम खत्म कैसे हो गया? यह अराजकता है और संसदीय प्रक्रिया का मखौल उड़ाने जैसा है। आप लोगों को सुनना क्यों नहीं चाहते?

मसूद ने आगे कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून कांग्रेस की सरकार ने लागू किया था। इस कानून का उद्देश्य किसानों और आदिवासियों की जमीनों को संरक्षित करना था। लेकिन, मध्य प्रदेश के सिंगरौली, ओडिशा और कर्नाटक के औद्योगिक गलियारों में इस कानून का उल्लंघन हो रहा है। आप सुनना नहीं चाहते। लोकतंत्र के अंदर आप सहमत होंगे, असहमत होंगे, लेकिन सुनेंगे तो, अगर नहीं सुनेंगे तो यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि कैसे राजनीतिक विवादों से जनता की समस्याओं और मुद्दों पर ध्यान भटकता है। हमें हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करना चाहिए।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

ग्रामीण विकास समिति की बैठक में हंगामा क्यों हुआ?
हंगामा तब हुआ जब भाजपा सांसदों ने मेधा पाटकर और प्रकाश राज को आमंत्रित किए जाने पर विरोध जताया।
इमरान मसूद ने इस पर क्या कहा?
उन्होंने संसदीय परंपराओं के उल्लंघन और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल उठाए।