क्या है भारत की 'मल्टी-अलाइनमेंट' नीति? 'कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन' में विदेश मंत्री ने बताया प्लान

Click to start listening
क्या है भारत की 'मल्टी-अलाइनमेंट' नीति? 'कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन' में विदेश मंत्री ने बताया प्लान

सारांश

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 'कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025' में भारत की बहुमुखी विदेश नीति के बारे में महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। जानें कैसे भारत ने वैश्विक चुनौतियों को अवसरों में बदलने का प्रयास किया है, और इस नीति के माध्यम से देश की मजबूती को कैसे बढ़ाया जाएगा।

Key Takeaways

  • भारत की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य उपयोगी रिश्ते बनाना है।
  • मल्टी-अलाइनमेंट नीति से कई देशों के साथ संतुलित संबंध बनाए जा सकते हैं।
  • भारत को अपनी राष्ट्रीय शक्ति को मजबूत करने की जरूरत है।
  • ग्लोबल चैलेंजेज को अवसर में बदलना होगा।
  • यह नीति भारत की ताकत को बढ़ाएगी।

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 'कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025' का रविवार को समापन हुआ। इस मौके पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने विदेश नीति और आर्थिक दृष्टिकोण पर अपने विचार साझा किए।

उन्होंने बताया कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा को राष्ट्रीय क्षमताओं के साथ-साथ विभिन्न स्रोतों से सहयोग लेकर सुनिश्चित कर सकता है। इससे जोखिम भी कम होगा और देश की मजबूती बढ़ेगी।

जयशंकर ने कहा कि भारत की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा उपयोगी रिश्ते बनाना है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि ये रिश्ते किसी एक देश विशेष के साथ न हों, जिससे अन्य देशों के साथ अवसरों का ह्रास न हो। इसे मल्टी-अलाइनमेंट नीति कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि भारत विभिन्न देशों और क्षेत्रों के साथ समान रूप से अच्छे संबंध बनाए रखे।

उन्होंने आगे बताया कि इस नीति को अपनाना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि कई देशों के अलग-अलग हित होते हैं। इसी कारण, भारत को हर स्थिति में समझदारी से कार्य करना होता है ताकि सभी के साथ संतुलित और लाभकारी रिश्ते स्थापित हो सकें। देश में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें अपनी राष्ट्रीय शक्ति के हर पहलू को मजबूत करना होगा। पिछले दस वर्षों में भारत ने इस दिशा में ठोस आधार तैयार किया है। आने वाले पाँच वर्षों में भारत के लिए वैश्विक स्तर पर चुनौतियाँ बढ़ेंगी क्योंकि दुनिया तेजी से बदल रही है। लेकिन, भारत आत्मविश्वास और मजबूती के साथ इन चुनौतियों का सामना करेगा।

उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत की यह बहुमुखी विदेश नीति और राष्ट्रीय ताकत देश के लिए अच्छे परिणाम लेकर आएगी।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 'कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन' में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दूरदर्शिता और लचीलेपन के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की बहुमुखी विदेश नीति न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करती है। हमें अपनी राष्ट्रीय शक्ति को बढ़ाने में निरंतर प्रयासरत रहना होगा।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत की मल्टी-अलाइनमेंट नीति क्या है?
यह नीति भारत को विभिन्न देशों और क्षेत्रों के साथ संतुलित और लाभकारी रिश्ते बनाने में मदद करती है।
विदेश मंत्री ने सम्मेलन में क्या बताया?
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत की विदेश नीति के विभिन्न पहलुओं और उनकी चुनौतियों पर चर्चा की।