क्या हर परिवार को नौकरी का वादा सच में संभव है? मैथिली ठाकुर का तेजस्वी यादव पर सवाल
सारांश
Key Takeaways
- मैथिली ठाकुर का तेजस्वी यादव के वादे पर सवाल उठाना।
- नौकरियों के सृजन के लिए निवेश की आवश्यकता।
- नीतीश कुमार के प्रति समर्थन।
- राजनीति में अनुभव और चुनौतियाँ।
- बेरोजगारी के समाधान के लिए कौशल विकास।
पटना, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के अलीनगर से भाजपा उम्मीदवार और मशहूर गायिका मैथिली ठाकुर ने बुधवार को कहा कि जब से उन्होंने जंगलराज की परिभाषा और मुख्यमंत्री पद की महत्ता को समझा है, तब से वह नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में देखती हैं। उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव के नौकरी से संबंधित बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
मैथिली ठाकुर ने तेजस्वी यादव के उस वादे पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी, तो हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
उन्होंने कहा, "मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि वह कैसे हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे पाएंगे। सरकारी नौकरियां सीमित हैं। इस तरह का विचार समझ से बाहर है।"
उन्होंने सुझाव दिया कि बिहार में नौकरियों का सृजन करने के लिए निवेशकों को आमंत्रित करना होगा। तभी रोजगार का सृजन संभव है।
मैथिली ने आगे कहा कि बेरोजगारी को समाप्त करने के लिए युवाओं के कौशल विकास पर ध्यान देना होगा। यदि ऐसा किया गया, तो लोगों के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हर परिवार को नौकरी देने का वादा सिलेबस से बाहर है।
उन्होंने नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की अपील की, यह कहते हुए कि वह इस पद के लिए सबसे उपयुक्त नेता हैं।
जब उनसे शराबबंदी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करेंगी क्योंकि उनका ध्यान अभी अपने विधानसभा क्षेत्र पर है।
मैथिली ठाकुर ने अमेरिकी गायिका मैरी मिलबेन की तरफ से तारीफ किए जाने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक अच्छा अनुभव है।
उन्होंने कहा कि राजनीति में आने के बाद उन्हें लगा था कि वह इसे छोड़ देंगी, लेकिन अब वह आत्मबल से भरी हुई हैं और चुनाव प्रचार में सक्रिय हैं।
मैथिली ने कहा, "मैं अपने जीवन के बारे में नहीं सोचती। मुझे विश्वास है कि एक अदृश्य शक्ति मुझे आगे बढ़ा रही है। बचपन में मैंने सोचा था कि मैं ब्यूरोक्रेट बनूंगी, लेकिन अब मैं गायिका और राजनीतिज्ञ हूं।"