क्या आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार को न्याय नहीं मिला? : कुमारी शैलजा

सारांश
Key Takeaways
- आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
- न्याय की कमी से समाज के हर वर्ग में असंतोष है।
- कुमारी शैलजा ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
- अधिकारियों की सुरक्षा का मुद्दा महत्वपूर्ण है।
- समाज को न्याय की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले पर कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो आप सोच सकते हैं कि भाजपा सरकार के तहत आम नागरिकों को क्या न्याय मिलेगा।
कुमारी शैलजा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि हरियाणा में जिस प्रकार से आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार ने सुसाइड किया है, वह चिंताजनक है। एक अधिकारी ने बार-बार न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्हें इस स्थिति में लाया गया कि उन्होंने अपनी जान दे दी। इससे यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा में क्या चल रहा है।
कुमारी शैलजा ने हरियाणा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि किसी भी सरकार के लिए इससे बड़ा कलंक क्या हो सकता है? जहां अधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं, वहां आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी?
पूरण कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने आरोप लगाया कि उनके पति को अधिकारी जाति सूचक शब्दों से गालियाँ देते थे और उन्हें हर समय बेइज्जत किया जाता था। इस पर कुमारी शैलजा ने कहा कि उनकी पत्नी एक जिम्मेदार आईएएस अधिकारी हैं। यदि वह कुछ कह रही हैं, तो वह सच ही होगा। अमनीत ने बताया कि बार-बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए भाजपा सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज पूरा समाज भाजपा से यह पूछ रहा है कि आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार ने क्यों आत्महत्या की और उनकी सहायता क्यों नहीं की गई। भाजपा को यह बताना होगा कि उन्हें न्याय क्यों नहीं मिला। अब न्याय केवल उनकी पत्नी को ही नहीं, बल्कि सभी को चाहिए। भाजपा को इस पर उत्तर देना होगा।
कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार से कांग्रेस यह सवाल कर रही है कि कार्रवाई कब होगी और अपराधियों को कब पकड़ा जाएगा। इसका उत्तर दें।