क्या लालू यादव के गृह जनपद गोपालगंज में भी उनका जनाधार खत्म हो गया है?: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

सारांश
Key Takeaways
- जंगलराज की यादें अब बिहार की जनता के लिए पुरानी हो गई हैं।
- राजद की स्थिति कमजोर हो रही है, जबकि एनडीए मजबूत हो रहा है।
- सरकार विकास कार्यों में तेजी ला रही है।
- नौकरी-रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
- बिहार में डबल इंजन की सरकार राहत देने का काम कर रही है।
गोपालगंज, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की जनता जंगलराज को नहीं भूली है। यही कारण है कि 2020 के चुनाव में लालू यादव के गृह जिले गोपालगंज में उनकी पार्टी का कोई जनाधार नहीं बचा। राजद यहां की छह सीटों में से केवल एक सीट पर ही जीत पाई, जबकि एनडीए ने चार सीटों पर विजय प्राप्त की।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार अब लालू-बालू-लालटेन युग से बाहर निकल चुका है, इसलिए इस बार एनडीए यहां सभी छह सीटों पर क्लीन स्वीप करेगा और प्रचंड बहुमत से एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि अपराध, भ्रष्टाचार और परिवारवाद को बढ़ावा देने वालों को जनता मुंहतोड़ जवाब देगी।
सम्राट चौधरी ने मंगलवार को गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में गोपालगंज जिले में 140 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की 72 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया है, जिससे क्षेत्र में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। जल-जमाव और बाढ़ नियंत्रण को लेकर भी सरकार लगातार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर बनने के बाद अब सीतामढ़ी के पुनौराधाम में लगभग 1,000 करोड़ रुपए की लागत से जानकी मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। पुनौराधाम को राम-जानकी कॉरिडोर से जोड़ा जा रहा है और इस कॉरिडोर का हिस्सा बनने का गौरव गोपालगंज को भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार लगातार लोगों को राहत देने का काम कर रही है। जो बिहार कभी चरवाहा विद्यालय के कारण उपहास का पात्र था, वह अब मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए जाना जा रहा है। बिहार के प्रत्येक जिले में मेडिकल, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज खुल गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य पलायन रोककर राज्य के युवाओं को यहीं नौकरी-रोजगार देना है। पिछले पांच वर्षों में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और 38 लाख युवाओं को रोजगार मिला है।