क्या महनार विधानसभा सीट पर कुशवाहा वोटरों के हाथ में है बाजी की चाबी?

सारांश
Key Takeaways
- कुशवाहा वोटरों की भूमिका निर्णायक है।
- दलित समुदाय के वोटरों की संख्या भी महत्वपूर्ण है।
- महनार की भौगोलिक स्थिति कृषि के लिए उपयुक्त है।
- यह सीट राजद और जदयू के बीच मुकाबले का केंद्र बन चुकी है।
- महनार एक व्यावसायिक केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है।
पटना, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के वैशाली जिले में स्थित महनार विधानसभा सीट पर चुनावी गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। यह सामान्य सीट, जो 1951 में स्थापित हुई थी, लंबे समय से एनडीए के दलों का गढ़ रही है।
वर्तमान में यह सीट राजद के कब्जे में है, जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद की बीना सिंह ने जदयू के उमेश सिंह कुशवाहा को हराकर विधायक का पद प्राप्त किया था। जदयू ने इस बार फिर उमेश सिंह कुशवाहा पर विश्वास जताया है।
महनार में कुशवाहा समुदाय के वोटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही, दलित वोटरों की संख्या भी काफी है, जो चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकती है। विभिन्न जाति समुदायों का मिश्रण इस सीट को राजनीतिक दृष्टिकोण से और दिलचस्प बनाता है।
1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के दीप नारायण सिंह यहां के विधायक बने थे। महनार दिग्गज समाजवादी नेता और मनरेगा के जनक पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की जन्मस्थली भी है। मुनेश्वर प्रसाद सिंह ने अलग-अलग दलों से इस सीट पर 6 बार जीत दर्ज की, जबकि पूर्व सांसद रामा किशोर सिंह तीन बार विधायक रह चुके हैं।
एनडीए का इस सीट पर लंबे समय तक दबदबा रहा है, लेकिन 2020 में बीना सिंह की जीत ने राजद को इस सीट पर नई ताकत दी थी। अब जदयू के उमेश सिंह कुशवाहा के मैदान में उतरने से मुकाबला और भी रोमांचक हो गया है।
कुशवाहा वोटरों की निर्णायक भूमिका और दलित वोटरों का रुझान इस बार के नतीजों को तय करने में महत्वपूर्ण होगा।
महनार न केवल राजनीतिक दृष्टि से बल्कि व्यावसायिक केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। यह एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है, जहां थोक और खुदरा बाजार अनाज, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुओं के व्यापार में सक्रिय हैं। बूढ़ी गंडक नदी और गंगा के निकट होने के कारण इसकी समतल जमीन कृषि के लिए अत्यंत उपयुक्त है। धान, गेहूं, मक्का और दालों की खेती के साथ-साथ केले, आम और लीची के बागान स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं। महनार की भौगोलिक स्थिति इसे कई शहरी केंद्रों से जोड़ती है, जिससे स्थानीय उत्पादों को बाजार में आसानी से पहुँचाया जा सकता है।