क्या माओवाद अपने अंत के करीब है? प्रधानमंत्री मोदी

Click to start listening
क्या माओवाद अपने अंत के करीब है? प्रधानमंत्री मोदी

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली पर आईएनएस विक्रांत पर माओवादी विद्रोह के अंत के निकटता की घोषणा की। उन्होंने सुरक्षा बलों की सराहना की और कहा कि केवल तीन जिले बचे हैं। मोदी ने सरकार की बहुआयामी रणनीति के प्रभाव को रेखांकित किया। जानिए इस महत्वपूर्ण विषय पर उनके विचार।

Key Takeaways

  • भारत माओवादी विद्रोह के अंतिम चरण में है।
  • सुरक्षा बलों ने प्रभावित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
  • सरकार की रणनीति विकास और सुरक्षा पर केंद्रित है।
  • लाल गलियारा अब हरित विकास क्षेत्रों में बदल रहा है।
  • मनोबल बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री का संबोधन महत्वपूर्ण है।

गोवा, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दिवाली समारोह के दौरान आईएनएस विक्रांत पर यह घोषणा की कि भारत दशकों से चले आ रहे माओवादी विद्रोह के अंतिम चरण का साक्षी बन रहा है।

उनकी यह टिप्पणी सुरक्षा बलों के प्रति एक व्यापक श्रद्धांजलि का हिस्सा थी, जिन्हें उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने का श्रेय दिया।

गोवा में आईएनएस विक्रांत से जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश माओवाद के खात्मे की दिशा में बढ़ रहा है। अब केवल तीन जिले ही बचे हैं जहां माओवाद अभी भी विद्यमान है और वे भी जल्द ही मुक्त हो जाएंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि पहले 125 जिले गंभीर रूप से प्रभावित थे। अब 100 से अधिक जिले राहत की सांस ले सकते हैं और शांति से दिवाली मना सकते हैं। यह हमारे पुलिस बलों के पराक्रम का परिणाम है।

उन्होंने सरकार की बहुआयामी रणनीति पर जोर दिया, जिसमें विकास, बुनियादी ढांचे का विस्तार और लक्षित सुरक्षा अभियान शामिल हैं। सरकार की ये रणनीतियाँ माओवादी प्रभाव को कमजोर करने में सहायक साबित हो रही हैं, विशेषकर आदिवासी और वन क्षेत्रों में।

प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में सैन्य गौरव को नक्सल मुक्त राष्ट्र के दृष्टिकोण से जोड़ा गया और सुरक्षा तथा विकास के दोहरे दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया।

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले, 124 जिले नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित थे। अक्टूबर 2025 तक, केवल 11 जिले ही शेष रहेंगे, जिनमें से तीन को उच्च जोखिम वाला माना जाएगा। हमारे पुलिस बलों के साहस की बदौलत अब 100 से अधिक जिले राहत की सांस ले सकते हैं और शांति से दिवाली मना सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि लाल गलियारा अब हरित विकास क्षेत्रों में परिवर्तित हो रहा है। उन्होंने उन क्षेत्रों का हवाला दिया जो कभी हिंसा से ग्रस्त थे।

प्रधानमंत्री मोदी के बयान भारत की आंतरिक सुरक्षा में व्यापक बदलाव का संकेत देते हैं। केंद्रीय और राज्य बलों के बीच समन्वित प्रयासों, बुनियादी ढाँचे के विकास और सामुदायिक सहभागिता के परिणामस्वरूप माओवादी गतिविधियों में लगातार गिरावट आई है।

उनके भाषण ने मनोबल बढ़ाने का भी काम किया और अपने सुरक्षाकर्मियों के कल्याण के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता और प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

Point of View

प्रधानमंत्री मोदी का बयान एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि भारत माओवादी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में सफल हो रहा है। सुरक्षा बलों के प्रयास और सरकार की रणनीति ने इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी का माओवाद पर क्या कहना है?
प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि भारत माओवाद के अंत के करीब है और केवल तीन जिले ही बचे हैं जहां माओवादी गतिविधियाँ जारी हैं।
क्या माओवादी विद्रोह खत्म हो जाएगा?
प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया है कि आगामी वर्षों में माओवादी गतिविधियों में कमी आएगी और केवल 11 जिले प्रभावित होंगे।
Nation Press