क्या पीएम मोदी ने पर्यावरण और वैश्विक स्वास्थ्य के बारे में दुनिया को खास संदेश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- पर्यावरण और स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हैं।
- जलवायु परिवर्तन एक नैतिक कर्तव्य है।
- ब्रिक्स समिट में स्वास्थ्य सहयोग की आवश्यकता है।
- भारत ने 'एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य' का सिद्धांत अपनाया है।
- साझा चुनौतियों का समाधान साझे प्रयासों से संभव है।
रियो डी जेनेरियो, ८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा पर पूरी दुनिया को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने ब्रिक्स समिट में पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को प्राथमिकता देने के लिए खुशी व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि पृथ्वी का स्वास्थ्य और मानव स्वास्थ्य एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं। साझा चुनौतियों का समाधान केवल साझे प्रयासों से ही संभव है। इस समय पीएम मोदी ने कोविड महामारी का उदाहरण प्रस्तुत किया।
पीएम मोदी ने बताया कि ब्रिक्स में पर्यावरण पर चर्चा करना समय की मांग है। भारत के लिए जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता का विषय रहे हैं। जलवायु परिवर्तन केवल ऊर्जा का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन का विषय है।
उन्होंने कहा, "कुछ लोग इसे आंकड़ों में मापते हैं, जबकि भारत इसे संस्कारों के माध्यम से जीता है। भारतीय संस्कृति में, पृथ्वी को मां का स्थान दिया गया है। इसलिए जब पृथ्वी मां हमें पुकारती है, तो हम चुप नहीं रह सकते। हमें अपनी सोच, व्यवहार और जीवनशैली में बदलाव करना होता है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत के लिए जलवायु परिवर्तन कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक नैतिक कर्तव्य है। भारत मानता है कि जरूरतमंद देशों को तकनीकी हस्तांतरण और सस्ती वित्तपोषण के बिना जलवायु कार्रवाई केवल 'जलवायु बातचीत' तक ही सीमित रहेगी।"
अपने विशेष संदेश में पीएम मोदी ने कहा, "जलवायु आकांक्षा और वित्तपोषण के बीच के अंतर को कम करने में विकसित देशों की एक विशेष और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। हमें उन सभी देशों के साथ मिलकर चलना होगा जो विभिन्न संकटों के चलते भोजन, ईंधन, उर्वरक और वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि भविष्य के प्रति जो आत्मविश्वास विकसित देशों में है, वही आत्मबल इन देशों में भी होना चाहिए। किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंड के रहते, मानवता का सतत और समावेशी विकास संभव नहीं है।
उन्होंने कहा, "भारत ने 'एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य' के सिद्धांत के तहत सभी देशों के साथ सहयोग बढ़ाया है। आयुर्वेद, योग, यूनानी और सिद्धा जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का इकोसिस्टम स्थापित किया गया है। डिजिटल स्वास्थ्य के माध्यम से देश के हर कोने में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं। इन सभी क्षेत्रों में भारत का सफल अनुभव साझा करने में हमें खुशी होगी।" प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि ब्रिक्स में स्वास्थ्य सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चाओं के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। साथ ही पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को सफल ब्रिक्स समिट की हार्दिक शुभकामनाएं दी।