क्या ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना’ के तहत महीने का बिजली बिल जीरो हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत बिजली बिल शून्य हो सकता है।
- सौर पैनल लगाने से आर्थिक राहत मिलती है।
- यह योजना पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करती है।
- नागरिकों को सब्सिडी का लाभ मिलता है।
- यह योजना भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण है।
कोंडागांव, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ छत्तीसगढ़ के कोंडागांव के निवासियों को बिजली बिलों से राहत प्रदान कर रही है। अब उनके बिजली बिल शून्य हो चुके हैं, जिससे उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
यह योजना घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है। साथ ही, यह नागरिकों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बना रही है।
कोंडागांव के विकास सोनी ने अपने घर की छत पर सौर पैनल स्थापित कर इस योजना का लाभ उठाया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में बताया कि पहले उनके घर में एसी, गीजर, पंखे और कूलर जैसे उपकरण थे, लेकिन बढ़ते बिजली बिल के कारण वे परेशान थे। उन्होंने बताया कि अखबारों के माध्यम से उन्हें प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की जानकारी मिली। स्थानीय बिजली कार्यालय की मदद से उन्होंने सोलर पैनल लगवाया। अब उनका बिजली बिल शून्य हो गया है। वे इस योजना से संतुष्ट हैं और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं।
विकास सोनी ने कहा कि सोलर पैनल की स्थापना के दो महीने बाद उन्हें 78,000 रुपए की सब्सिडी प्राप्त हुई। पहले उनका मासिक बिजली बिल 2,000 से 2,500 रुपए तक आता था, जो अब पूरी तरह शून्य हो गया है। इससे उनके मासिक खर्च में काफी राहत मिली है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए अन्य नागरिकों से भी अपने घरों में सोलर प्लांट लगाने की अपील की।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना भारत की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा में एक परिवर्तनकारी पहल है, जो लाखों घरों के लिए सौर ऊर्जा को सुलभ, किफायती और प्रभावी बनाती है। पर्याप्त सब्सिडी, आसान वित्त पोषण विकल्प और एक सुव्यवस्थित डिजिटल आवेदन प्रक्रिया प्रदान करके, यह कार्यक्रम सुनिश्चित करता है कि शहरी और ग्रामीण भारत के सभी परिवार न्यूनतम वित्तीय बोझ के साथ स्वच्छ ऊर्जा को अपना सकें।
यह योजना केवल बिजली की लागत को कम करने के अलावा, ऊर्जा आत्मनिर्भरता, पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही है, जिससे यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन का एक प्रमुख स्तंभ बन गई है।