क्या मोतिहारी में प्रियंका गांधी वाड्रा की एंट्री से कुछ बदलने वाला है? उपेंद्र कुशवाहा की राय

सारांश
Key Takeaways
- प्रियंका गांधी का मोतिहारी दौरा राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- उपेंद्र कुशवाहा का बयान जनता के विश्वास को दर्शाता है।
- एनडीए की विकास नीतियाँ जनता के बीच लोकप्रिय हैं।
- कांग्रेस को भविष्य में संभावित लाभ हो सकता है, लेकिन वर्तमान में नहीं।
- राजनीतिक संवाद में राजद और कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
पटना, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम अभी घोषित नहीं हुआ है। लेकिन सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। इसी क्रम में, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को मोतिहारी में घर-घर अधिकार रैली को संबोधित किया। इस रैली पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रियंका गांधी के दौरे का जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उपेंद्र कुशवाहा ने प्रियंका गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जनता उनके बहकावे में नहीं आएगी। वे एनडीए के विकास कार्यों पर भरोसा करती हैं।
कुशवाहा ने कहा कि प्रियंका गांधी के दौरे से जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उनका रैली का कोई असर नहीं होगा। बिहार की जनता ने निर्णय ले लिया है और वे एनडीए के पक्ष में हैं।
उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस के लिए भविष्य में थोड़ा लाभ होने की संभावना जताई, लेकिन आगामी चुनाव में इससे कोई लाभ न मिलने की बात कही। उनका कहना था कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि कांग्रेस को थोड़ा लाभ मिल सकता है, लेकिन चुनाव में इसका फायदा नहीं होगा।
पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व एक दिन में नहीं बनता। प्रियंका गांधी का बिहार आना कांग्रेस के लिए तुरंत कोई लाभ नहीं देगा, लेकिन भविष्य में हो सकता है कि कुछ फायदा हो।
राहुल गांधी की सक्रियता पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि वे पहले दिल्ली से पार्टी का संचालन करते थे, अब वे बिहार में वर्किंग कमेटी की बैठक कर रहे हैं। इससे उनकी छवि जनता के बीच बेहतर होगी, लेकिन व्यक्तित्व एक दिन में नहीं बनता। सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता के लिए लंबे समय तक कार्य किया है।
इंडी अलायंस पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि जब राजद-कांग्रेस को बिहार की जनता ने सरकार चलाने का मौका दिया, तब उन्होंने कोई काम नहीं किया। नीतीश कुमार के आने से पहले पिछड़े और अतिपिछड़े लोगों को वार्ड सदस्य तक बनने नहीं दिया जाता था। नीतीश कुमार 2005 में आए और 2006 में पिछड़ों और अतिपिछड़ों को सम्मान दिलवाया। पटना जैसे शहरों में महिलाएं मेयर बनीं। एनडीए सरकार ने अति पिछड़े समाज के लिए बहुत काम किया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल घोषणापत्र जारी कर सकता है, जबकि हम विकास कार्य कर रहे हैं।
एनडीए में सीट बंटवारे के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि जब होगा, तब बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि कितनी सीटों की मांग की गई है, इसे मीडिया के सामने बताने की आवश्यकता नहीं है।