क्या पुरानी गाड़ियों पर रोक लगाना तुगलकी फरमान है? मंत्री पंकज सिंह ने किया पलटवार

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर रोक।
- आतिशी का तुगलकी फरमान का आरोप।
- पंकज सिंह का न्यायालय के आदेशों का पालन।
- जनता के हित बनाम वाहन कंपनियों के फायदे।
- लाखों परिवारों की कठिनाइयों का सवाल।
नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार के मंत्री पंकज सिंह ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी के उस बयान पर तीखा पलटवार किया है। जिसमें आतिशी ने दिल्ली सरकार के पुरानी गाड़ियों से संबंधित निर्णय को तुगलकी फरमान कहा है।
आतिशी ने उस फैसले को गलत माना है, जिसके अंतर्गत दिल्ली में १० साल पुरानी डीजल कारों और १५ साल पुरानी पेट्रोल कारों पर रोक लगाई गई है।
मंत्री पंकज सिंह ने बुधवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी जिस निर्णय को तुगलकी फरमान बता रही हैं, असल में यह उनकी सरकार की देन है। दिल्ली की पूर्व आम आदमी पार्टी सरकार कुछ भी कह सकती है। इस सरकार ने अपने कार्यकाल में लोगों को ठगने का काम किया, जिसका खामियाजा दिल्ली के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में २०१५ में एनजीटी और २०१८ में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे। वर्तमान भाजपा सरकार केवल कोर्ट के आदेशों का पालन कर रही है।
पंकज सिंह ने दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली में जो कुछ हो रहा है, वह पिछली सरकार की लापरवाही का परिणाम है। मौजूदा दिल्ली सरकार बस उन्हीं आदेशों का पालन कर रही है।
पुरानी गाड़ियों पर रोक लगाने को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि भाजपा सरकार को जनता की नहीं, वाहन कंपनियों की चिंता है। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा सरकार क्यों नहीं नया कानून लाकर गाड़ियों को फिटनेस के आधार पर चलाने की अनुमति देती। क्या जनता की रोजी-रोटी पर वार कर कंपनियों को नए वाहन बेचने का मौका देना ही इनका असली उद्देश्य है? ६२ लाख गाड़ियां सड़क से हटेंगी ताकि लोग मजबूरी में नई गाड़ियां खरीदें और कंपनियों की जेब भरे। क्या भाजपा बताएगी कि उन्हें इन कंपनियों से कितना चंदा मिला है? जनता की कमर तोड़कर मुनाफ़ा कमाने का यह खेल बंद होना चाहिए। भाजपा सरकार के इस निर्णय से लाखों परिवारों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।