क्या राहुल गांधी का सुझाव मानते तो लोगों को कठिनाई कम होती? : कृष्णा अल्लावरु

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में सुधार से लोगों को राहत मिलती।
- राहुल गांधी का सुझाव 2016 में दिया गया था।
- केंद्र सरकार ने नौ साल बाद इस पर ध्यान दिया।
- वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य जनता की आवाज सुनना है।
- कांग्रेस और महागठबंधन वोट चोरी के मुद्दे पर संघर्षरत हैं।
पटना, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी स्लैब में किए गए सुधार पर पूरे देश में खुशी का माहौल है। इस पर बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने दावा किया कि यदि सरकार राहुल गांधी के सुझाव को पहले मान लेती, तो लोगों को कठिनाइयों का सामना कम करना पड़ता।
पटना में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि जीएसटी स्लैब में सुधार के लिए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को 2016 में सुझाव दिया था, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। आज, नौ साल बाद इसे लागू किया गया है। हम सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं।
उनका कहना है कि यदि केंद्र सरकार हमारी बात मानती और नौ साल पहले जीएसटी स्लैब में सुधार करती, तो बहुत से लोगों को राहत मिलती। पिछले 10 साल से जो कठिनाइयाँ लोग झेल रहे थे, उनसे निजात मिलती।
पीएम मोदी के खिलाफ दरभंगा में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में गुरुवार को बिहार बंद बुलाया गया। इस पर कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि भाजपा के नेता भी अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं, और हम उनकी निंदा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान किसी ने अपशब्द कहे हैं, तो उसकी भी निंदा की जाती है।
अल्लावरु ने कहा कि वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य जनता की आवाज सुनना और उनके वोट के अधिकार को सुरक्षित रखना है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस और महागठबंधन लगातार संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि यह जनता के अधिकारों पर हमला है।
गौरतलब है कि जीएसटी स्लैब में सुधार को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा है कि सरकार राहुल गांधी के सामने झुक गई है। एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि जरूरी सामानों पर जीएसटी को सरल बनाने की मांग राहुल गांधी ने की थी, जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया है। हेल्थ इंश्योरेंस के नाम पर स्लैब हटा लिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले जाति-जनगणना को लेकर भी सरकार को राहुल गांधी के आगे झुकना पड़ा।