क्या राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोप सही हैं? : संजय निरुपम

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के आरोपों पर संजय निरुपम का खंडन
- महाराष्ट्र में चुनावी जीत का महत्व
- शाम के समय वोटिंग प्रतिशत का सामान्य बढ़ना
- राहुल गांधी का डेटा पर कोई प्रतिक्रिया न देना
- राजनीतिक आरोपों की सत्यता का महत्व
मुंबई, ८ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों का खंडन किया है। उनके अनुसार, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। खासकर महाराष्ट्र में विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, राहुल गांधी ने वोट चोरी के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कर्नाटक का रुख किया है।
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय निरुपम ने कहा कि महायुति की जीत में महाराष्ट्र की जनता की महत्वपूर्ण भूमिका है। आपको नहीं कहने का अधिकार है कि नए वोटरों को धोखे से जोड़कर महायुति ने विधानसभा चुनाव जीता।
राहुल गांधी के आरोपों पर उन्होंने आगे कहा, "राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव के संदर्भ में कहा था कि लाखों नए वोटर बनाए गए, जिन्होंने अंत में मतदान किया। शाम को साढ़े ५ बजे के बाद मतदान प्रतिशत अचानक बढ़ गया और इसका फायदा महायुति को मिला। लेकिन साढ़े ५ बजे के आसपास मतदान बढ़ना सामान्य है। देश भर में चुनावों में अक्सर शाम के समय मतदान प्रतिशत बढ़ता है, क्योंकि कई मतदाता उस समय वोट डालने पहुंचते हैं।"
नागपुर की कामठी सीट पर राहुल गांधी के दावे का खंडन करते हुए संजय निरुपम ने महाराष्ट्र की तीन अन्य सीटों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि माढ़ा में शाम को १८ प्रतिशत, वणी में १३ प्रतिशत और श्रीरामपुर में १२ प्रतिशत वोट बढ़ा। राहुल गांधी के तर्क के अनुसार, भाजपा को यहां जीतना चाहिए था, लेकिन माढ़ा में एनसीपी-एसपी, वणी में शिवसेना-यूबीटी और श्रीरामपुर में कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत हासिल की।
शिवसेना नेता ने कहा कि किसी विशेष समय पर किसी एक राजनीतिक पार्टी के वोट बढ़ने के आरोप निराधार हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि महाराष्ट्र सरकार, विशेषकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो महीने पहले इस डेटा को साझा किया था, लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। राहुल गांधी ने अपने 'एटम बम' का जिक्र करते समय भी इस पर कोई जवाब नहीं दिया था।