क्या राहुल गांधी ने झूठ बोलने का ढर्रा अपना लिया है? : ऋतुराज सिन्हा

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगे हैं।
- भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने इन आरोपों को उठाया।
- मतदाता सूची को लेकर पारदर्शिता की मांग की गई है।
- राहुल गांधी को अपनी बातें तथ्यात्मक रखनी चाहिए।
- इस विवाद का राजनीतिक प्रभाव हो सकता है।
पटना, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर रविवार को भाजपा ने जोरदार निशाना साधा है। मतदाता सूची में विशेष गहन परीक्षण और ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने झूठ बोलने का ढर्रा अपना लिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि वे देश के बहुत बड़े पद पर हैं। नेता प्रतिपक्ष एक बहुत बड़ा पद होता है। उस पद पर बैठकर राहुल गांधी लगातार झूठ बोलते हैं और देश पर ही सवाल उठाते हैं। राहुल गांधी को देश से क्षमा मांगनी चाहिए कि उन्होंने हमारी सेनाओं पर प्रश्न उठाकर न केवल सेना का अपमान किया है बल्कि देश का भी अपमान किया है।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग के मतदाता सूची में विशेष गहन परीक्षण के राहुल गांधी के विरोध करने और हलफनामा नहीं देने को लेकर भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि कई जगह उनकी बातें हंसी का कारण बन गई हैं कि राहुल गांधी किस तरह से अपने आप को कंडक्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपने पद की गरिमा को खुद नहीं समझते हैं और बिना कुछ सोचे-समझे और जानकारी के बिना टिप्पणी करना और गलत जानकारी देना देश को गुमराह करना है। चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर उंगली उठाना संविधान के अनुच्छेद 326 का अपमान है।
राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जिस लाल किताब को लेकर घूमते हैं, उसे खोलकर पढ़ना भी चाहिए और समझना भी चाहिए। यही नहीं, उस संविधान पर हाथ रखकर सच्चे मन से शपथ भी लेनी चाहिए कि वे राजनीति गंभीरता से और देशहित में करेंगे।
बता दें कि राहुल गांधी मतदाता सूची परीक्षण को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने आज ही अपने 'एक्स' अकाउंट पर लिखा है कि वोट चोरी ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है। चुनाव आयोग से हमारी मांग साफ है—पारदर्शिता दिखाएं और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करें, ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद ऑडिट कर सकें।