क्या राहुल गांधी पर विदेशी मेहमानों से न मिलने देने का आरोप सही है?

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क्या राहुल गांधी पर विदेशी मेहमानों से न मिलने देने का आरोप सही है?

सारांश

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर विदेशी मेहमानों से मिलने में रोक लगाने का आरोप लगाया है। इस पर ब्लूक्राफ्ट के सीईओ अखिलेश मिश्रा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस विवाद में क्या कहा गया है और इसके पीछे की सच्चाई क्या है।

Key Takeaways

  • राहुल गांधी का आरोप: विदेशियों से मिलन पर रोक
  • अखिलेश मिश्रा की तीखी प्रतिक्रिया
  • लोकतांत्रिक परंपराओं का महत्व
  • केंद्र सरकार पर सवाल उठाना
  • विपक्ष की भूमिका की चर्चा

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उन्हें भारत आने वाले विदेशी डेलिगेशन और मेहमानों से मिलने की अनुमति नहीं दी जाती। इस पर ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के सीईओ अखिलेश मिश्रा ने पलटवार किया है।

अखिलेश मिश्रा ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए, राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को निशाने पर लिया।

मिश्रा ने लिखा कि राहुल गांधी ने “भारत की कई समय-परखी लोकतांत्रिक परंपराओं को अपनी राजनीति के चलते नुकसान पहुंचाया है।” उन्होंने पांच बिंदुओं का उल्लेख किया, जिसमें चुनावी प्रक्रियाओं पर संदेह खड़ा करने से लेकर सेना, संवैधानिक संस्थानों और आतंकवादी मामलों पर कांग्रेस के रुख तक शामिल हैं।

अखिलेश मिश्रा ने तंज कसते हुए लिखा, “केसी वेणुगोपाल जी, आप हर दूसरी परंपरा को ठुकरा नहीं सकते और फिर अपनी सुविधा के अनुसार किसी एक परंपरा के पालन की मांग कर सकते हैं। राहुल गांधी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का हक ‘कमाना’ होगा। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया।”

इस विवाद के बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले प्रतिनिधियों की नेता विपक्ष से मुलाकात भारतीय लोकतंत्र की “समय-परीक्षित परंपरा” है, जिससे अंतरराष्ट्रीय संवाद अधिक व्यापक और सार्थक बनता है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, “जो लोग सिर्फ अपनी मन की बात सुनना और सुनाना चाहते हैं, वे ऐसी लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान नहीं करते।”

राहुल गांधी के अनुसार, लोकतांत्रिक व्यवस्था में नेता विपक्ष की विदेशी प्रतिनिधियों से मुलाकात एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा है, लेकिन मोदी सरकार और विदेश मंत्रालय इस परंपरा का पालन नहीं कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा, “बाहर से आने वाले डेलिगेशन के साथ नेता विपक्ष की मीटिंग होती है। यह ट्रेडीशन है, हमेशा से होता आया है, लेकिन मोदी सरकार डेलिगेट्स से कहती है कि नेता विपक्ष से न मिलें। हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व सिर्फ सरकार नहीं बल्कि विपक्ष भी करता है, बावजूद इसके विपक्ष को अलग रखा जा रहा है।”

Point of View

NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

राहुल गांधी ने सरकार पर क्या आरोप लगाया?
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उन्हें विदेशी डेलिगेशन से मिलने की अनुमति नहीं दी जाती।
अखिलेश मिश्रा ने क्या प्रतिक्रिया दी?
अखिलेश मिश्रा ने राहुल गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान करने का दोषी ठहराया।
क्या यह मामला राजनीतिक विवाद है?
हां, यह मामला भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण विवाद है, जो लोकतांत्रिक परंपराओं और विपक्ष की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
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