क्या राजद की समीक्षा बैठक से चुनावी रणनीति में बदलाव आएगा?
सारांश
Key Takeaways
- राजद ने हार के बाद समीक्षा बैठक की।
- तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुना गया।
- जदयू ने राजद की रणनीति पर सवाल उठाए।
- राजद को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
- बैठक में गड़बड़ी के आरोपों पर भी चर्चा हुई।
पटना, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में मिली हार के बाद महागठबंधन में शामिल मुख्य घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में हार की गहन चर्चा की गई और सभी नव निर्वाचित विधायकों ने तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुन लिया। दूसरी ओर, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने राजद की इस समीक्षा बैठक को लेकर तीखा तंज कसा है।
बिहार जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "राजद आखिर किस बात की समीक्षा कर रहा है? उन्हें उस मुद्दे पर समीक्षा करनी चाहिए जिस पर बेटी रोहिणी आचार्य ने प्रकाश डाला है।" उन्होंने यह भी बताया कि रमीज खान जो कि एक हिस्ट्रीशीटर है, चुनावी रणनीतिकार बना है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, वह यूपी के बलरामपुर और कौशाम्बी में 11 मामलों का आरोपी है। तेजस्वी की सोशल मीडिया टीम में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
नीरज ने आगे कहा, "जब राजद पर जंगलराज का आरोप लगता है तो वह चिंतित हो जाता है। तो क्या रमीज किसी मठ का महंत है? गुंडा, अपराधी और हिस्ट्रीशीटर जब राजद के रणनीतिकार हैं, तो यह किसका सहयोग ले रहे हैं?" उन्होंने यह भी कहा कि जनता ने राजद को भी राजनीति के इतिहास में दफ्न कर दिया है।
इससे पहले, राजद ने समीक्षा बैठक में यह माना कि पार्टी लोगों तक अपनी बातों को ठीक से नहीं पहुंचा पाई। बैठक के बाद राजद नेता संजीव कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव को विधानमंडल दल का नेता चुना गया और सभी विधायकों ने इसका समर्थन किया।
संजीव ने कहा, "यह परिणाम होना नहीं था। बिना किसी गड़बड़ी के ऐसा परिणाम नहीं आ सकता।" उन्होंने कहा कि कोर्ट जाने की भी योजना बनाई जा रही है। इस बैठक में संगठन को मजबूत करने के दिशा निर्देश भी दिए गए।
राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने चुनाव परिणाम में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया और कहा कि लोकतंत्र व्यापार नहीं हो सकता।