क्या मौलाना मदनी के बयान पर साध्वी प्राची का जवाब है सही?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली बम धमाका से जुड़े मुद्दे पर साध्वी प्राची का बयान।
- आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता।
- साध्वी प्राची का ममता बनर्जी पर हमला।
- रोहिंग्या
- मदरसों को समाप्त करने का सुझाव।
मुजफ्फरनगर, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली बम धमाके के संदर्भ में साध्वी प्राची ने कहा कि इसके संबंध उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर से हैं। यह एक गंभीर समस्या है। सहारनपुर का देवबंद आतंकवादियों का गढ़ बन चुका है।
साध्वी प्राची ने आगे कहा कि जब तक सरकारें रावण की नाभि में तीर नहीं चलाएंगी, तब तक यह समस्या खत्म नहीं होने वाली। जब आतंकी जेल में जाते हैं, तो उनके पैरोकार और वकील आसानी से मिल जाते हैं। जेल से बाहर आने के बाद वे फिर से वही हरकतें करते हैं। मदरसे आतंकवाद के अड्डे हैं, इन्हें समाप्त करना चाहिए।
उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि लाखों लोग बसों में भरकर लौट रहे हैं, जिसे देखकर ममता दीदी दुखी हैं। गृह मंत्री ने कहा है कि हम एक-एक रोहिंग्या को देश से बाहर करेंगे। भारत कोई धर्मशाला नहीं है।
साध्वी प्राची ने कहा कि 70 वर्षों तक रोहिंग्या को देश में बसाया गया। उनका आधार कार्ड और वोटर लिस्ट में नाम दर्ज किया गया। अब ये लोग बेरोजगारी और अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। एसआईआर बहुत आवश्यक है। इन्हें देश से बाहर किया जाना चाहिए।
मौलाना अरशद मदनी के बयान पर साध्वी प्राची ने कहा कि हिंदुस्तान में भाजपा की सरकार है। इस सरकार में सबसे मजबूत मुसलमान बने हैं, फिर भी इनकी यह स्थिति है। आजम खान ने मुजफ्फरनगर में दंगा करवाया और जमीनें हड़पीं। मौलाना मदनी ने आजम खान को समझाने का कितनी बार प्रयास किया? यह हिंदुस्तान है। यह देश बांसुरी बजाना भी जानता है और सुदर्शन चक्र चलाना भी। कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।
उन्होंने कहा कि मदनी को यह समझने की आवश्यकता है कि ये लोग जब चीन की यात्रा करेंगे, तब उनके मन में पल रहे देशद्रोह के विचार समाप्त हो जाएंगे। सीताजी को वापस लाने के लिए रामजी ने बड़ा युद्ध लड़ा था। जब तक रावण की नाभि में तीर नहीं लगा, तब तक युद्ध चलता रहा। इसलिए मदरसों को खत्म करना चाहिए, अन्यथा आतंकवाद खत्म नहीं होगा।