क्या संसद में हंगामे से देश की जनता को नुकसान होता है? : प्रतुल शाह देव
सारांश
Key Takeaways
- संसद का हंगामा जनता के मुद्दों को प्रभावित करता है।
- भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस की आलोचना की है।
- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का संसद में सम्मान होना चाहिए।
रांची, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है। सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने पीएम मोदी के इस बयान का समर्थन किया है।
प्रतुल शाह देव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि खोखले नारे और खोखले तरीके से बॉयकॉट करने से कुछ अंतर नहीं पड़ने वाला। हां, देश की जनता का जरूर नुकसान होता है, जब देश के अलग-अलग क्षेत्र से चुनकर आए सांसदों को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिलता।"
कांग्रेस और विपक्षी दलों ने एसआईआर के मुद्दे पर विरोध किया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही माना है। विपक्ष का विरोध केवल पेपर और टेलीविजन चैनलों के लिए था। विपक्ष को ड्रामेबाजी नहीं करनी चाहिए। संसद को चलाने के लिए करोड़ों रुपए लगते हैं। इस पैसे की बर्बादी विपक्षी दल कर रहे हैं।"
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी को सच में आत्ममंथन करने की जरूरत है। कांग्रेस ने पिछले तीन लोकसभा चुनावों में मिलाकर इतनी कम सीट जीती, जो 2024 में हमारी सीटों की संख्या से भी कम थी। हमारे एक चुनाव का परिणाम उनके तीन-तीन चुनाव के परिणामों पर भारी पड़ रहा है। हमें भी चाहिए कि हमारे सामने मजबूत प्रतिपक्ष हो, लेकिन जब भी यहां पर वंशवाद होगा, कांग्रेस में भाई-भतीजावाद होगा, तो उनकी पार्टी का कुछ नहीं होने वाला है।"
संसद परिसर में एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन को भाजपा प्रवक्ता ने गैर संवैधानिक बताया। उन्होंने कहा, "जब सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर को सही बताया है तो संसद में गतिरोध करना उचित नहीं है। ऐसा करके वे सांसदों को अपने क्षेत्रों की समस्याएं उठाने का मौका नहीं दे रहे हैं।"
नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद मोहम्मद रमजान के हालिया बयान पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा, "कहीं तो कोई सच बोल रहा है। जिन राज्यों में विपक्ष जीतता है, वहां पर सब कुछ ठीक रहता है, लेकिन जहां उनकी पार्टी हारती है, तो वो वोटचोरी, ईवीएम में गड़बड़ी और एसआईआर जैसे मुद्दे उठाने लगते हैं। ऐसी राजनीति विपक्ष को बंद करनी चाहिए।"