क्या देश के लिए एसआईआर जरूरी है, इससे चुनाव में पारदर्शिता आएगी? - राजीव रंजन
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर से चुनावों में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया सफल रही है।
- राजीव रंजन ने सही मतदाता की पहचान को महत्वपूर्ण बताया।
- महागठबंधन की घोषणाएं खोखली साबित हो रही हैं।
- नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास हो रहा है।
पटना, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा की है, जिसके चलते राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि एसआईआर से चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
राजीव रंजन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "बिहार में एसआईआर एक कठोर प्रक्रिया के बाद सफलतापूर्वक संपन्न हुई है। मतदाताओं की सूची, जिस पर आगामी चुनाव निर्भर करेंगे, अब अंतिम रूप में है, जिससे एक पूर्ण और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया का आश्वासन मिला है।"
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने अन्य राज्यों में भी एसआईआर कराने का निर्णय लिया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है और सभी को इसे सराहना चाहिए। सही मतदाताओं की पहचान करना देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
महागठबंधन के चुनावी घोषणापत्र पर जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, "कोई भी खोखले वादों की प्रतीक्षा नहीं कर रहा है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में लोग असली बदलाव देख रहे हैं। राज्य सरकार ने 1 करोड़ नौकरियों को स्वीकृति दी है और 1.21 करोड़ महिलाएं उद्यमिता की ओर बढ़ी हैं, उनके बैंक खातों में 10,000 रुपए जमा हो चुके हैं। बुनियादी ढांचे के विस्तार और हर घर तक बिजली पहुंचने के बाद ऐसे खोखले घोषणाओं का क्या महत्व है?"
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का लगातार विकास हो रहा है। आज लोग एनडीए सरकार के कार्यों से संतुष्ट हैं, और हर कोई फिर से एनडीए को वोट देने के लिए तैयार है। विपक्ष के सच जनता के सामने आ चुके हैं।
राजीव रंजन ने कहा कि सरकार ने जनता के हित में कई घोषणाएं की हैं, जिससे आम जनता को सीधा लाभ मिल रहा है। महागठबंधन के चुनावी घोषणापत्र का कोई अर्थ नहीं है, ये लोग बातें कुछ और करते हैं। हमारी सरकार निरंतर जनता के हित में कार्य कर रही है, जिससे बिहार की प्रगति हो रही है।