क्या यूपी के तीन क्षेत्रों में डिजिटल जनगणना का ‘प्री टेस्ट’ देश में पहले हो रहा है?

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क्या यूपी के तीन क्षेत्रों में डिजिटल जनगणना का ‘प्री टेस्ट’ देश में पहले हो रहा है?

सारांश

उत्तर प्रदेश में डिजिटल जनगणना का ‘प्री टेस्ट’ शुरू होने जा रहा है। जानिए कैसे यह कदम भारत की डेटा क्रांति को गति देगा। इस प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी और डेटा की सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा।

Key Takeaways

  • डिजिटल जनगणना का ‘प्री टेस्ट’ उत्तर प्रदेश में हो रहा है।
  • आम नागरिकों को ‘स्व-गणना’ की सुविधा मिलेगी।
  • डाटा संग्रहण प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी।
  • लगभग छह लाख कार्मिक इस कार्य में लगे रहेंगे।
  • डिजिटल जनगणना डेटा-गवर्नेंस के लिए नया मानक स्थापित करेगी।

लखनऊ, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की पहली पूर्णतः डिजिटल जनगणना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी फील्ड प्रयोगशाला के रूप में स्थापित किया गया है। राज्य के तीन क्षेत्रों - अनूपशहर (बुलंदशहर), मिहीपुरवा (बहराइच), और प्रयागराज नगर निगम के सात वार्डों में जनगणना 2027 का ‘प्री टेस्ट10 से 30 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। यह ट्रायल भारत की अब तक की सबसे व्यापक डेटा संग्रह प्रक्रिया की तकनीकी और प्रायोगिक तैयारी का एक हिस्सा होगा।

मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति की पहली बैठक में इस अभियान की रूपरेखा और डिजिटलीकरण की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को जनगणना कार्य में समन्वित सहयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनगणना देश की जनसांख्यिकीय और विकास योजनाओं की रीढ़ है, इसलिए इसकी सटीकता, पारदर्शिता और समयबद्धता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

बैठक में जनगणना निदेशक शीतल वर्मा ने जनगणना 2027 की प्रक्रिया, समय-सीमा और डिजिटल संचालन प्रणाली पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि इस बार की जनगणना पूर्णतः डिजिटल होगी, जिसमें सभी डेटा संग्रह, प्रविष्टि, सत्यापन और मॉनिटरिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाएंगे। राज्य में लगभग छह लाख कार्मिकों को इस कार्य में लगाया जाएगा।

प्रावधानों के अनुसार, 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक राज्य में नए जनपद, तहसील, नगर निकाय या ग्राम पंचायतों के गठन पर रोक रहेगी। इसके अलावा, पहली बार आम नागरिकों के लिए ‘स्व-गणना’ की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे लोग स्वयं अपने डेटा को ऑनलाइन माध्यम से दर्ज कर सकेंगे। राज्य में स्टेट नोडल ऑफिस की स्थापना की जाएगी, जो डेटा समन्वय, मॉनिटरिंग और प्रगति रिपोर्टिंग का कार्य करेगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित कुमार घोष, सचिव नगर विकास अनुज कुमार झा, विशेष सचिव सामान्य प्रशासन जुहैर बिन सगीर समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

डिजिटल जनगणना के तहत हर नागरिक का डेटा सुरक्षित, केंद्रीकृत और तुरंत उपलब्ध रहेगा। नीतियों और योजनाओं के निर्माण में वास्तविक समय के आंकड़ों का उपयोग संभव होगा। यह भारत को वैश्विक डेटा-गवर्नेंस मॉडल की दिशा में अग्रसर करेगा।

Point of View

बल्कि यह देश के विकास और जनसांख्यिकी की आधारशिला भी है। सभी नागरिकों को अपनी भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा, जिससे जनगणना की सटीकता बढ़ेगी।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

डिजिटल जनगणना का ‘प्री टेस्ट’ कब होगा?
यह ‘प्री टेस्ट’ 10 से 30 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा।
इस जनगणना में नागरिकों की भागीदारी कैसे होगी?
इस बार आम नागरिकों के लिए ‘स्व-गणना’ की सुविधा होगी, जिससे लोग अपने डेटा को ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे।
डिजिटल जनगणना के लाभ क्या हैं?
यह प्रक्रिया डेटा की सटीकता और सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी, जिससे नीतियों के निर्माण में वास्तविक समय के आंकड़ों का उपयोग किया जा सकेगा।
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