क्या सिर्फ हंगामा करना राजनीति है? विपक्ष का दिमाग काम नहीं कर रहा: मनोज तिवारी
सारांश
Key Takeaways
- हंगामा राजनीति का हिस्सा नहीं है।
- संसद की कार्यवाही को बाधित करना उचित नहीं है।
- सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
- विपक्ष को मुद्दों पर समझौता करना चाहिए।
- चुनाव हारने के बाद विपक्ष की स्थिति कमजोर हुई है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है और एसआईआर समेत कई मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है। विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित की जा रही है। इस बीच भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि विपक्ष के लोग केवल हंगामा करना चाहते हैं।
मनोज तिवारी का कहना है कि विपक्ष को राहुल गांधी के किसी स्कूल ने यह समझा दिया है कि हंगामा ही राजनीति है। सिर्फ हंगामा करना राजनीति नहीं होती। आप शोर मचा रहे हैं कि एसआईआर पर चर्चा हो। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया है कि हम एसआईआर समेत कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को इसे स्वीकार करना चाहिए। सभी मुद्दों पर एक साथ चर्चा नहीं हो सकती। कुछ पर आज और कुछ कल चर्चा की जा सकती है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि विपक्ष के लोग केवल हंगामा करना चाहते हैं। अभी उनका दिमाग काम नहीं कर रहा है। बिहार के लोगों ने इन पर हमला बोल दिया है। चुनाव में करारी हार के बाद, ये समझ नहीं पा रहे हैं कि आगे क्या करना है।
उन्होंने कहा कि हार-जीत तो होती रहती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप संसद की कार्यवाही को बाधित करें। आइए और चर्चा करें, सरकार इसके लिए तैयार है।
संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे का शिकार हो गया। विपक्ष इस मांग पर अड़ा है कि पहले एसआईआर पर चर्चा होनी चाहिए। इसको लेकर विपक्ष संसद में नारेबाजी के साथ ही सदन के बाहर संसद भवन परिसर में पोस्टर-बैनर लेकर प्रदर्शन भी कर रहा है।
इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से लोकसभा में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा तथा 9 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से चुनाव सुधारों पर चर्चा आयोजित की जाएगी।