क्या स्वस्थ भारत ही विकसित भारत की नींव है? : राजनाथ सिंह
सारांश
Key Takeaways
- स्वस्थ भारत ही विकसित भारत की नींव है।
- आयुष्मान भारत योजना से स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ी है।
- यशोदा मेडिसिटी विश्वास का प्रतीक बन चुकी है।
- स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर में तेजी से सुधार हो रहा है।
- रक्षा मंत्री ने समाज के प्रति जिम्मेदारी को समझने की आवश्यकता बताई।
गाजियाबाद, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यहां यशोदा मेडिसिटी के उद्घाटन समारोह में कहा कि हम उस भारत की दिशा में बढ़ रहे हैं जिसका सपना हमारे पूर्वजों ने देखा था, एक ऐसा भारत जो शक्तिशाली और स्वस्थ हो। हमारा हर कदम, हर नीति, और हर प्रयास देश के गरीब, वंचित और ग्रामीण जनसंख्या के लिए समर्पित है। हमें विश्वास है कि जब भारत का हर नागरिक स्वस्थ होगा, तभी भारत सशक्त होगा। हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जाए, और इसके लिए नागरिकों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है।
राजनाथ सिंह ने बताया कि यशोदा मेडिसिटी को दक्षिण एशिया में रोबोटिक्स सर्जरी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है, जो मेडिकल ट्रेनिंग और टेक्निकल रिसर्च को नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हर सफल इंसान की कहानी में एक बड़ी व्यक्तिगत पीड़ा होती है। यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन डॉ. पीएन अरोड़ा ने अपनी माता को कैंसर से खोने के बाद इस अस्पताल की स्थापना की। आज यह अस्पताल समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए विश्वास का प्रतीक बन चुका है।
राजनाथ सिंह ने उल्लेख किया कि यशोदा मेडिसिटी ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का उत्तरदायित्वपूर्ण निर्वहन किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की स्वास्थ्य व्यवस्था ने नया रूप लिया है। पहले यह गरीबों के लिए चिंता का विषय था, अब यह उनके अधिकार के रूप में उनके दरवाजे तक पहुँच रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को हर वर्ष पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया गया है। अब 70 वर्ष से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना में शामिल किया गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के माध्यम से आम जनता को किफायती दर पर जेनरिक मेडिसिन उपलब्ध कराई जा रही है। गांव-गांव में लोग इन केंद्रों से लाभान्वित हो रहे हैं। हमने स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया है। 2014 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 800 हो चुके हैं। एमबीबीएस की सीटें 50 हजार से बढ़कर 1 लाख 20 हजार से अधिक हो गई हैं। 22 नए एम्स की स्थापना का निर्णय लिया गया है, जिनमें से 12 पूरी क्षमता से कार्यरत हैं। जब ये सभी संस्थान सक्रिय हो जाएंगे, तो हमारा हेल्थ नेटवर्क और अधिक मजबूत होगा।
उन्होंने यह कहकर अपनी खुशी व्यक्त की कि यशोदा समूह इस क्षेत्र में सकारात्मक प्रयास कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संस्था न केवल भारत, बल्कि दक्षिण एशिया में नवाचार की नई परिभाषा गढ़ेगी।
रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने यहां आकर चिकित्सकों और कर्मचारियों में नई ऊर्जा का संचार किया है।